कानपुर (ब्यूरो)। घर घर नल से जल पहुंचाने के नाम पर जेएनएनयूआरएम के दोनों फेज में जलनिगम ऑफिसर्स ने काम कम और कारनामे ज्यादा किए। कंपनी के साथ मिलीभगत कर पब्लिक के पैसे की जमकर लूट की। एक कम्पनी ने 30 करोड़ का काम खराब कर दिया, लेकिन जलनिगम ऑफिसर्स ने ब्लैकलिस्ट करते हुए केवल 3 करोड़ की सिक्योरिटी मनी जब्त की। अब वहीं काम 112 करोड़ रुपए से जलनिगम कराने जा रहा है। वहीं दूसरे फेज में एक दूसरी कम्पनी ने काम भी पूरा नहीं किया और आश्वासन देकर बैंक गारंटी में से भी 8 करोड़ पेमेंट कराकर रफूचक्कर हो गई। 59 करोड़ रुपए से अधिक का अनयूज्ड मैटेरियल भी जलनिगम को नहीं लौटाया। इस मामले को हंगामा हुआ तो 4 महीने पहले तत्कालीन जलनिगम के एक्सईएन सुनील कुमार ने कम्पनी मैसर्स रैमकी इंफ्रास्ट्रक्चर लि। हैदराबाद के खिलाफ फजलगंज थाना में एफआईआर दर्ज कराई।

315 करोड़ रुपए सिंगल एग्र्रीमेंट
जेएनएनयूआरएम के ड्रिकिंग वाटर प्रोजेक्ट के अन्र्तगत वाटर ट्रीटमेंट प्लांट, जेएडपीएस व ओवरहेड टैंक बनाने से पाइप लाइन व घरों तक डिस्ट्रिब्यूशन नेटवर्क बिछाने आदि कार्य शामिल थे। पहले करीब 377 करोड़ का प्रोजेक्ट पास हुआ। बाद में लेटलतीफी होने पर प्रोजेक्ट कास्ट बढ़ाकर 475.15 करोड़ रुपए कर दी गई। इस प्रोजेक्ट के विभिन्न कार्यो को लेकर 38 एग्र्रीमेंट हुए थे, इसमें 315 करोड़ रुपए का सिंगल एग्र्रीमेंट मैसर्स रैमकी इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड हैदराबाद के संग हुआ था।

कई बार बढ़ाई गई कम्प्लीशन डेट
फजलगंज थाना में दर्ज कराई गई एफआईआर के मुताबिक एग्र्रीमेंट के मुताबिक कम्पनी को नवंबर 2009 में काम शुरू करना था और 2011 में खत्म करना था। स्लो स्पीड के कारण कई बार कम्प्लीशन डेट भी बढ़ाई गई, वर्क स्पीड बढ़ाने की बजाए कम्पनी के इम्प्लाइज ने काम करना ही बन्द कर दिया। तब जलनिगम के तत्कालीन सुपरिटेंडेंट इंजीनियर 7 सितंबर 2013 को लेकर लेटर जारी कर प्रोजेक्ट कास्ट की 0.05 परसेंट धनराशि प्रतिदिन के हिसाब से पेनॉल्टी लगाई। बावजूद इसके प्रोजेक्ट में प्रोग्र्रेस न होने जनवरी 2014 में पेनॉल्टी बढ़ाकर 0.075 परसेंट प्रतिदिन कर दी।

कदम कदम पर धोखा
इसके बाद कम्पनी के कार्य न करने पर तत्कालीन चीफ इंजीनियर ने जून 2014 में धारा-4बी के तहत सिक्योरिटी मनी के रूप में जमा बैंक गारंटी जब्त करने की चेतावनी दी। तब कहीं जाकर कम्पनी के इम्प्लाई हरकत में आई। कम्पनी की ओर से तीन माह में काम कम्प्लीट करने का लिखित आश्वासन दिया गया। लेकिन लेटलतीफी जारी रही। चेतावनी देने पर कम्पनी की आर्थिक स्थिति खराब होने का हवाला दिया गया। फरवरी 2018 में 100 रुपए के स्टाम्प नोटराइज्ड अंडरटेकिंग दी गई कि यदि जमा 50 परसेंट परफार्मेंस गारंटी धनराशि रिलीज कर दी जाए तो इसी वर्ष दिसंबर तक काम कम्प्लीट हो जाएंगे।

कई बार मीटिंग हुई
इस पर जलनिगम ने 31.50 करोड़ रुपए में से 8 करोड़ रुपए रिलीज कर दिए गए। बावजूद इसके कम्पनी ने बचा हुआ काम पूरा नहीं किया। इसके बाद कम्पनी और जलनिगम ऑफिसर्स के बीच कई बार मीटिंग हुई, जिसमें कम्पनी के चेयरमैन अयोध्या रामी रेड्डी, ईडी रवि प्रसाद, नार्थ जोन हेड जैसे ऑफिसर शामिल हुए। लेकिन काम पूरा नहीं हो सका। इस पर जलनिगम के तत्कालीन एक्सईएन सुनील कुमार ने ब्लैक लिस्ट करने के बाद 29 दिसंबर 2023 को कम्पनी के खिलाफ फजलगंज थाना में एफआईआर दर्ज कराई।