कानपुर(ब्यूरो)। &मैं टुबैको या अल्कोहल और इनसे जुड़े प्रोडक्ट का सेवन यूनिवर्सिटी कैम्पस के अंदर नहीं करूंगा। न इन्हें अपने पास रखुंगा और न ही बिक्री या किसी दूसरे का वितरण करुंगा। अगर ऐसा करता पाया गया तो यूनिवर्सिटी नियम के मुताबिक एक्शन लेने के लिए स्वतंत्र होगी&य जी हां, अब यूनिवर्सिटी मे एडमिशन लेेने से पहले हर स्टूडेंट को कुछ इसी तरह का एंटी ड्रग डिक्लेरेशन देना होगा। यूजीसी की ओर से इसे लेकर आदेश जारी कर दिया गया है। यूजीसी के सेक्रेटरी प्रो। मनीष ने सभी यूनिवर्सिटीज के वाइस चांसलर और कॉलेजों के प्रिंसिपल्स को इस डिक्लेरेशन को लेने के लिए लेटर लिखा है।
यूथ को इस लत से बचाना है
यूजीसी से जारी लेटर में लिखा गया है कि हायर एजुकेशन इंस्टीट्यूट्स(एचईआई) में नशे वाली चीजों की लत एक चैलेंज है। देश का यूथ नशे की चीजों का लती हो रहा है। इसी बात को ध्यान में रखते हुए मिनिस्ट्री ऑफ सोशल जस्टिस एंड एम्पावरमेंट ने देश मेें नशा मुक्त भारत अभियान को लागू किया है। ऐसे सभी एचईआई को इस अभियान के तहत यूथ को नशे से होने वाले नुकसान और उसका यूज न करने के लिए अवेयर करना होगा। यूजीसी ने लेटर जारी करते हुए एंटी ड्रग डिक्लेशन का एक फार्मेट भी जारी किया है। ऐसे में न्यू सेशन से एचईआई में एडमिशन के समय स्टूडेंट्स से एंटी ड्रग डिक्लेरेशन लेना होगा। अभी तक एडमिशन के समय केवल एंटी रैगिंग डिक्लेशन लिया जाता है। नशे को गंभीर समस्या मानते हुए यूजीसी ने इस डिक्लेरेशन को भी एडमिशन के समय लेने की बात कही है।

ऐसा है डिक्लेरेशन फार्मेट
यूजीसी की ओर से एंटी ड्रग डिक्लेरेशन का फार्मेट भी जारी किया गया है। उसमें लिखा है कि अल्कोहल या तंबाकू से जुड़े प्रोडक्ट का यूज करना, रखना या बिक्री करना गलत और हानिकारक है। मैैं कैंपस में अल्कोहल या तंबाकू प्रोडक्ट का यूज, बिक्री या वितरण नहीं करुंगा। मुझे अगर कैैंपस में इन प्रोडक्ट्स के यूज या बिक्री की बात पता चलती है तो अफसरों को जानकारी दूंगा। कुछ इसी तरह के पांच प्वाइंट्स डिक्लेरेशन फार्मेट में दिए हुए हैैं। फार्मेट में स्टूडेंंट को अपनी डिटेल भरने के बाद साइन करके अपनी एडमिशन फाइल में लगाना होगा।

सीएसजेएमयू, एचबीटीयू के 8.22 लाख स्टूडेंट को देना होगा डिक्लेरेशन
इस डिक्लेरेशन का असर सीएसजेएमयू कैंपस, सीएसजेएमयू से एफिलिएटेड करीब 800 कॉलेज, एचबीटीयू और सिटी में एकेटीयू के एफिलिएटेड कॉलेजों में पढ़ रहे करीब 8.22 लाख स्टूडेंट्स पर पड़ेगा। न्यू सेशन में एडमिशन के समय स्टूडेंट्स को अब इस बात का भी ध्यान रखना होगा कि वह कैंपस में अगर नशे की हालत में या किसी प्रोडक्ट को यूज करते मिले तो उन पर एक्शन होना तय है। डिक्लेरेशन के बाद भी नशा करने वाले स्टूडेंट्स पर क्या एक्शन लिया जाएगा यह यूनिवर्सिटी तय करेगी।

स्टाफ पर भी लगानी होगी लगाम
यूजीसी ने स्टूडेंट्स पर तो लगाम लगाने के लिए लेटर जारी कर दिया लेकिन नशे को लेकर एचईआई के स्टाफ पर भी लगाम लगाना जरूरी है। सिटी के एचईआई में अक्सर कर्मचारी तंबाकू प्रोडक्ट का यूज करते दिखाई पड़ते हैैं। यदि इनकी तलाशी ले ली जाए तो जेब में सिगरेट और तंबाकू से जुड़े प्रोडक्ट मिल जाएंगे। ऐसे में जिम्मेदारों को स्टाफ पर भी लगाम लगानी चाहिए।