- कोरोना वैक्सीन के ट्रॉयल में किया जा रहा आभासी वैक्सीन प्लेसिबो का भी इस्तेमाल

- रूसी और देसी दोनों ही वैक्सीन के ट्रॉयल के दौरान यूज की जाएगी यह तरकीब

- वैक्सीन लगने के आभास की इटर्नल हीलिंग पर भी होगी स्टडी, हर चार में एक वॉलंटियर्स को लगेगी प्लेसिबो

KANPUR: कोरोना वायरस से बचाव के लिए वैक्सीन तैयार करने का काम युद्धस्तर पर चल रहा है, लेकिन इस वैक्सीन को तैयार करने के बाद इसके ट्रॉयल में रिसर्चर्स कई तरीकों व तरकीबों का भी प्रयोग कर रहे हैं। जिसके जरिए वैक्सीन लगने के बाद उसके असर का पता लगाया जा सके। कानपुर में इस वायरस से बचाने के लिए दो वैक्सीन के ट्रॉयल हो रहे है। इसमें भी रिसर्चर्स एक खास तरकीब का प्रयोग वॉलंटियर्स पर कर रहे हैं। इस तरकीब को मेडिकल की भाषा में प्लेसिबो इफेक्ट कहते हैं। दूसरे शब्दों में इसे आभासी चिकित्सा या मन की शक्ति से होने वाली इंटर्नल हीलिंग भी कहा जा सकता है। इसके कोई नुकसान भी नहीं होते।

क्या है प्लेसिबो इफेक्ट?

- प्लेसिबो को आसान भाषा में समझे तो यह एक ऐसी चिकित्सा पद्वति है जिसका कोई वैज्ञानिक आधार नहीं होता, यह प्रभावहीन भी हो सकती है और कुछ सुधार भी दिख सकते हैं।

- प्लेसिबो इफेक्ट को लेकर कई सिद्धांत हैं। मोटे तौर पर यह किसी की उम्मीद उस दवा या उसके प्रभाव को लेकर सकारात्मक सोच की वजह से होने वाली हीलिंग भी है। जबकि असल में उस शख्स को वो दवा दी ही नहीं गई थी

- प्लेसिबो इफेक्ट अपेक्षाओं से जुड़ा हुआ होता है,लेकिन इसके बॉडी पर असर से जुृड़ी कई स्टडीज हैं। प्लेसिबो इफेक्ट से बॉडी मं एंडार्फिन नाम का केमिकल बनता है। जो एक तरह के पेन रिलीवर की तरह काम करता है।

हर चार में एक को लगेगा प्लेसिबो

जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के इंस्टीटयूट ऑफ मेडिसिन की हेड प्रो। रिचा गिरि बताती हैं कि प्लेसिबो इफेक्ट किसी भी बड़ी मेडिकल रिसर्च के दौरान यूज किया जाता है। जिन कोरोना वैक्सीन का ट्रॉयल हो रहा है। उसमें भी इसे यूज किया जाएगा। हर चार में से एक वॉलंटियर को वैक्सीन की ही फार्म में इसे दिया जाएगा, लेकिन किस वॉलंटियर को दिया जाएगा। यह रेंडमली तय होगा। कोरोना वैक्सीन और इसे एक साथ की सभी वॉलंटियर्स को लगाया जाएगा। जिस वॉलंटियर को यह दिया जाएगा। उसे इसका पता भी नहीं चलेगा। इसके बाद वैक्सीन लगने के आभास से बॉडी में होने वाले असर की स्टडी की जाएगी। कि उस शख्स में किसी तरह की एंटीबॉडी बनी या नहीं।

फैक्टफाइल-

20 - वॉलंटियर्स पर रूसी स्पूतनिक वैक्सीन का होगा फेज-2 ट्रॉयल

1000 - वॉलंटियर्स पर होना है मेड इन इंडिया कोवैक्सीन का फेज थ्री ट्रॉयल

5 - लोगों को लगेगी प्लेसिबो रूसी वैक्सीन के ट्रॉयल में

250 - लोगों को लगेगी प्लेसिबो कोवैक्सीन के ट्रॉयल में

'' किसी भी मेडिकल रिसर्च में प्लेसिबो इफेक्ट को भी ट्रॉयल के दौरान देखा जाता है। कोरोना वायरस की वैक्सीन के ट्रॉयल में भी इसे किया जाएगा। हर चार में से एक शख्स को यह आभासी वैक्सीन भी दी जाएगी।

- प्रो। रिचा गिरि, एचओडी, मेडिसिन डिपार्टमेंट, जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज