आजकल कई सीरियल्स के डायलॉग्स यूपी व बिहार की बोली में हैं। क्या इसे भारत के हर कोने में पसंद किया जा रहा है?

मैं तो प्रतापगढ़ यूपी का हुं। यहीं पला और बड़ा हुआ। हमें तो गर्व होना चाहिए कि आज यूपी और बिहार जैसे स्टेट को हर जगह पहचान मिल रही है। जब मैं जेद्दा एयरपोर्ट पर उतरा तो एक महिला ने नकाब हटाकर सज्जन सिंह के नाम से पुकारा और अपनी इलाहाबादी बोली में कुछ बोलने कि कोशिश भी की। इससे पता चलता है कि हमने हर जगह पैठ बना ली है। आज यूपी और बिहार के लोगों और यहां की भाषा के लिए सोच बदल रही है।

सीरियल में दिखने वाली आपकी दाढ़ी असली है या नकली?Anupam Syam

मैं सीरियल में जैसा दिखता हुं वैसा ही हुं। मेरी दाढ़ी ओरिजनल है। मैं अब इसी लुक में रहता हुं और ये मेरी पहचान बन गयी है। हां, ये बात और है कि यह दाढ़ी मेरी मजबूरी की वजह से उगी। क्योंकि दुनिया में जो काम सबसे बुरा लगता है वो है दाढ़ी बनाना और जूते का फीता बांधना। इसलिए दाढ़ी बढ़ा ली और बिना फीते वाला जूता पहनना शुरु कर दिया। हां, सीरियल में मेरी चाल की बहुत चर्चा होती है। अक्सर लोग मेरी चाल देखते हैं। तो उन लोगों को बता दूं कि मेरी ऐसी चाल सिर्फ सीरियल के लिए है।

आपको सीरियल के लिए क्या इलाहाबादी बोली सीखनी पड़ी?

मैंने इस कैरेक्टर को जिया है। सज्जन सिंह के कैरेक्टर को मैंने जितना हो सका अपनी तरफ से डेकोरेट किया है। जब मुझे प्रतिज्ञा सीरियल में इलाहाबादी बोली बोलने वाला कैरेक्टर ठाकुर मिला तो मुझे कोई खास दिक्कत नहीं आयी। मेरे रोम रोम में यूपी की कई लैंग्वेज रची बसी है। मेरे मां बाप कथा वाचक थे। मैंने भी रामचरित मानस का पाठ किया है। मैं रामलीला में संवाद भी बोलता था। बनारस के बुलानाला में मेरा ननिहाल रहा है और मैंने बचपन में यहां की रामलीला भी देखी है और यहां भी संवाद बोले हैं। इसलिए मुझे इसमें कोई प्राब्लम नहीं हुई।

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