- ऑडिट कमेटी ने नगर निगम में पकड़े कई घालमेल, 16 करोड़ का घपला भी सामने आया

- नगर आयुक्त से संतोषजनक जवाब न मिलने पर भी कोई कार्रवाई नहीं

KANPUR : ऑडिट कमेटी ने नगर निगम में किए गए कई घपलों को पकड़ा है। मृतक आश्रित के पद पर पत्नी और बेटे दोनों को नौकरी दे दी गई। वहीं दूसरे मामले में 16 करोड़ रुपए बैंक से ओवर ड्राफ्ट कर लिए गए। रिपोर्ट लोक लेखा समिति के पास आई तो नगर आयुक्त से जवाब मांग कर खानापूरी कर दी गई। कार्रवाई के नाम पर समिति के चेयरमैन भी कोई जवाब नहीं दे सके। लोक लेखा समिति दो दिन से विभिन्न विभागों के कार्यो की समीक्षा के साथ ऑडिट रिपोर्ट भी देख रही है। ऑडिट रिपोर्ट पर गड़बड़ी पाए जाने पर विभागों से जवाब भी मांगा जा रहा है।

ओवरड्राफ्ट की क्या जरूरत थी

ऑडिट रिपोर्ट के मुताबिक वर्ष 2000-05 के दौरान नगर निगम ने 16 करोड़ रुपए बैंक से ओवरड्राफ्ट कर लिए। जबकि उसके पास एक अन्य एकाउन्ट में 25 करोड़ रुपए की एफडी मौजूद थी। बाद में ओवरड्राफ्ट की रकम अन्य मदों से जमा की गई। लोक लेखा समिति के चेयरमैन ने इस बारे में नगर आयुक्त से सवाल किया, तो उनका जवाब था कि कर्मचारियों को तनख्वाह बांटने के लिए 16 करोड़ रुपए का ओवरड्राफ्ट किया गया था। नगर आयुक्त यह जवाब नहीं दे सके कि 25 करोड़ की एफडी होने के बाद भी ओवरड्राफ्ट की क्या जरूरत थी।

कोई एक्शन क्यों नहीं?

इतने बड़े घोटाले पर नगर आयुक्त के जवाब न दे पाने के बावजूद लोक लेखा समिति ने इस मामले में कार्रवाई के बजाए चुप्पी साध ली और अगले प्वाइंट पर डिस्कशन होने लगा। एक और ऑडिट रिपोर्ट में गोलमाल खुला। इसमें एक मृतक आश्रित पद पर पहले पत्नी और फिर बेटे को नौकरी दे दी गई। एक मृतक आश्रित पर दो लोगों को नौकरी के सवाल पर नगर आयुक्त जवाब न दे सके। इस सवाल को भी समिति ने बिना कार्रवाई के टाल दिया। कुल मिलाकर लोक लेखा समिति की समीक्षा मात्र औपचारिकता रही।

(बाक्स बनाएं)

अब खुदाई की अनुमति नगर निगम से

जगह-जगह हो रही खुदाई पर भी लोक लेखा समति ने संज्ञान लिया है। इस बारे में जब नगर निगम अधिकारियों से पूछा गया तो उनका कहना था कि खुदाई की परमीशन एडीएम सिटी के यहां से दी जाती है। जल निगम के अफसर नगर निगम से तालमेल नहीं करते। इस पर समिति ने स्पष्ट कर दिया कि इब खुदाई की परमीशन नगर निगम से ही लेनी होगी। बिना नगर निगम की अनुमति के किसी प्रकार की खुदाई न की जाए।

---------------

दवाओं का हिसाब नहीं दे पाने पर जांच के आदेश

- विधानसभा की स्थानीय निकाय लोक लेखा समिति ने किया उर्सला का निरीक्षण,कमियों पर जताई नाराजगी

द्मड्डठ्ठश्चह्वह्म@द्बठ्ठद्ग3ह्ल.ष्श्र.द्बठ्ठ

यन्हृक्कक्त्र: विधानसभा की स्थानीय निकाय लोक लेखा समिति ने मंगलवार को उर्सला अस्पताल पहुंच कर व्यवस्थाओं का जायजा लिया। समिति के चेयरमैन विधायक अजय कपूर ने दवा काउंटर पर दवा वितरण का रिकार्ड नहीं दिखा पाने पर प्रभारी इंचार्ज के खिलाफ कार्रवाई और एडीएम फाइनेंस से जांच कराने के आदेश दिए। वहीं ओपीडी में पानी नहीं मिलने पर भी उन्होंने नाराजगी जताई। उनके साथ समिति के सदस्य विधायक इरफान सोलंकी भी मौजूद रहे। उर्सला के निरीक्षण के दौरान समिति ने वार्डो में जाकर मरीजों से भी बातचीत की। आर्थो वार्ड में समिति के चेयरमैन ने डॉयरेक्टर से ऑपरेशन के रेट पूछे लेकिन वह नहीं बता सके। चेयरमैन अजय कपूर ने बताया कि इसकी रिपोर्ट स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख सचिव को भेजी जाएगी।