इसमें अब तक 37 लोग मारे जा चुके हैं और हज़ारों बीजिंग निवासियों को अपना घर छोड़कर सुरक्षित स्थानों पर जाना पड़ा है। बीजिंग में इन हालातों के प्राकृतिक कारण तो हैं ही लेकिन क्या इसकी कुछ और वजह भी है? इन कारणों पर चीनी अख़बारों ने भी टिप्पणी की है।

शंघाई के चाइना बिज़नेस न्यूज़ ने हालात के लिए बीजिंग की जल निकासी व्यवस्था को दोषी करार दिया है। समाचार पत्र ने ख़ासकर इस बात की आलोचना की है कि शहर के मुख्य सड़कमार्गों पर बने अंडरपास पानी में डूबे हुए हैं।

वहीं स्थानीय बीजिंग न्यूज़ अख़बार कहता है कि शहर के जल प्राधिकरण ने अपने बुनियादी ढांचे में कमियों की बात कबूली है। लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि राजधानी की बाढ़ बचाव प्रणालियों के आधुनिकरण में समय लगेगा। बीजिंग नगरपालिका के हवाले से चाइना डेली ने कहता है कि छह दशकों की सबसे भयंकर तूफानी बारिश से कम-से-कम एक अरब 57 करोड़ डॉलर का नुकसान हुआ है।

दूसरी ओर हॉन्गकॉन्ग का मिंग पाओ डेली न्यूज़ समाचारपत्र लिखता है कि अपने 600 वर्ष पुरानी लेकिन सुनियोजित जल निकासी व्यवस्था की वजह से फॉरबिडन सिटी के उत्तरपश्चिमी हिस्से में स्थित सर्कुलर सिटी गार्डन में बाढ़ का पानी नहीं पहुंचा।

उधर शंघाई डेली ने चेतावनी दी है कि चीन के वित्तीय केंद्र, शंघाई की जल निकासी व्यवस्था भी इस हाल में नहीं है कि वो बीजिंग जैसी मूसलाधार बारिश से निपटने सके। शनिवार दोपहर से बारिश के प्रकोप से जूझ रहे बीजिंग में कई घंटो से गाड़ियां आदि सड़कों पर बंद पड़े हैं और शहर के विभिन्न यातायात केंद्रों में सैकड़ों लोग फंसे हुए हैं।

बीजिंग टाइम्स लिखता है कि शहर की नगरपालिका ने बाढ़ की वजह से सड़कों पर फंसी गाड़ियों पर ट्रैफ़िक पुलिस द्वारा लगाए जुर्माने को हटाने का वादा किया है। ट्रैफ़िक पुलिस के टैक्स लगाने के कदम की इंटरनेट पर काफ़ी आलोचना हो रही है।

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