इंटरनेशनल टेलीकम्युनिकेशन यूनियन यानी आईटीयू के विशेषज्ञों में इस बारे में सहमति नहीं बन पाई है। इसलिए इस मामले को वर्ष 2015 में होने वाली बैठक तक टाल दिया गया है।

मतभेद

अमरीका ने बैठक में तर्क दिया कि लीप सेकंड की वजह से संचार और नौवहन प्रणालियों में दिक्कतें आ रही हैं। लेकिन ब्रिटेन ने कहा है कि लीप सेकंड को ख़त्म करने के दूरगामी परिणाम होंगे।

आईटीयू के एक प्रवक्ता का कहना है कि कनाडा, जापान, इटली, मैक्सिको और फ़्रांस ने ब्रिटेन के रूख़ का समर्थन किया है। प्रवक्ता के मुताबिक़, नाइजीरिया, रूस और तुर्की समेत कुछ देशों ने इस बारे में और अध्ययन करने की ज़रूरत पर बल दिया है।

इसका नतीज़ा ये हुआ कि आईटीयू लीप सेंकड के मुद्दे पर ज़्यादा अध्ययन के लिए राज़ी हो गया। अगली वर्ल्ड रेडियो कॉन्फ़्रेंस वर्ष 2015 में होगी जिसमें इस बारे में कोई फ़ैसला होगा। इसका मतलब ये हुआ कि तब तक विश्व का समय पृथ्वी के घूमने के हिसाब से ही तय होगा।

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