कानपुर(ब्यूरो)। इन्द्र जौ के जरिए कॉटन से ज्यादा कंफर्टेबल फैब्रिक को तैयार किया गया है। इस फैब्रिक को इंद्र जौ से पहले रेशा निकाला गया और फिर धागा बनाकर रेडी किया गया है। सीएसए एग्र्रीकल्चर यूनिवर्सिटी में आयोजित किसान मेले और कृषि उद्योग प्रदर्शनी में कॉलेज आफ कम्यूनिटी साइंस के स्टाल में लगे इसे दिखाया भी गया। यह रिसर्च यूनिवर्सिटी के कॉलेज आफ कम्यूनिटी साइंस के वस्त्र एवं पारिधान विभाग की डॉ। रितु पांडेय ने की है। इनकी यह रिसर्च यूएसए के जर्नल आफ नैचुरल फाइबर में पब्लिश हो चुकी है। उनका दावा है कि यह फैब्रिक बेबी टेक्सटाइल में यूज करने के लिए बेस्ट है। इसके अलावा उन्होंने कमल के रेशे से धागा बनाया है। दावा है कि यह धागा पशमीना से भी पतला है।

तीन दिवसीय मेले का हुआ शुभारंभ
सीएसए में आयोजित तीन दिवसीय अखिल भारतीय किसान मेला एवं कृषि उद्योग प्रदर्शनी का उद्घाटन कृषि उत्पादन आयुक्त डा। मनोज कुमार सिंह ने किया। कृषि उत्पादन आयुक्त ने सभी स्टालों पर गए और जानकारी हासिल की। साइंटिस्ट से एग्र्री टेक्नोलॉजी से संबंधित सवाल भी किए। उन्होंने वर्ष 2021-22 में देश का टोटल ग्र्रेन प्रोडक्शन 315.72 मिलियन टन रहा। स्टेट में 56.11 मिलियन टन ग्र्रेन प्रोडक्शन हुआ, जो कि देश के टोटल प्रोडक्शन का लगभग 17.72 परसेंट हैं। उन्होंने अन्नदाताओं से अपील कि वे कृषि वैज्ञानिकों से नवीनतम कृषि तकनीकी हेतु जुड़े रहे। रशियन कृषि काउंसलर डॉक्टर कांस्टेंटिन ने इंडिया और रसिया के साथ मधुर संबंधों पर बल दिया। कहा कि वह जल्द ही सीएसए के साथ एमओयू करेंगे। वीसी डॉक्टर आनंद कुमार सिंह ने अपने संबोधन में किसानों से कहा कि इस तीन दिवसीय किसान मेले में नवीनतम कृषि तकनीक को सीखें और उसे खेतों में लागू करें। आयोजन इसलिए भी किया जाता है कि किसानों को नवीन कृषि बीजों के साथ-साथ कृषि तकनीकी भी मिल सके। किसानों को बीज बांटे गए। इस मौके पर उत्तर प्रदेश कृषि अनुसंधान परिषद के महानिदेशक डॉक्टर संजय सिंह, राज्यमंत्री प्रतिभा शुक्ला, मेयर प्रमिला पांडेय, डॉ। नौशाद खान, डॉक्टर आरके यादव, डॉ। वीके त्रिपाठी और डॉ। खलील खान आदि मौजूद रहे।

ज्वार की पत्तियों से बनाई एक्यूपंचर स्लीपर
कॉलेज आफ कम्यूनिटी साइंस की स्टूडेंट रश्मि, दामिनी, वैशाली, साक्षी और महिमा ने ज्वार की पत्तियों से स्लीपर बनाई है। बताया कि सीएसए के फार्म से पत्तियों को इकट्ठा करके स्लीपर को बनाया है। सबसे पहली बात की यह स्लीपर इकोफ्रेंडली है और इसके अलावा इसको पहनने से नैचुरल एक्यूपंचर मिलेगा, जो कि हेल्थ के लिए इंपार्टेंट है।