कानपुर (ब्यूरो) एजेंट कम दाम में बिना एंट्रेस के पड़ोसी देशों नेपाल और बांग्लादेश जैसी कंट्रीज से एमबीबीएस कोर्स में एडमिशन दिलाने का दावा कर रहे हैैं। संडे को सिटी के 34 सेंटर्स पर नीट का एग्जाम कंडक्ट कराया गया था। जहां हजारों की संख्या में स्टूडेंट्स एग्जाम देने पहुंचे थे। इन्हीं सेंटर्स के बाहर एजेंट सक्रिय थे। एग्जाम सेंटर्स के बाहर गार्जियंस और एग्जाम देकर निकले स्टूडेंट्स को ब्रोशर बांटे गए। एजेंट्स के टीम मेंबर्स ने स्टूडेंट्स को समझाकर नेपाल और बांग्लादेश से एमबीबीएस करने के लिए मोटिवेट करने का काम भी किया। उन्हें समझाया कि कैसे वो कम फीस में बिना एंट्रेंस एमबीबीएस पूरा कर सकते हैं।

यूक्रेन का ऑप्शन बंद
बता दें कि इंडिया से बड़ी संख्या में स्टूडेंट हर साल यूक्रेन मेडिकल की पढ़ाई करने जाते थे। जिन स्टूडेंट्स को इंडिया के मेडिकल कॉलेजों में एडमिशन नहीं मिल पाता था, वो यूक्रेन में एडमिशन ले लेते थे। यहां इंडिया की तुलना में आधे से भी कम खर्च में एमबीबीएस पूरा कर लेते थे। कानपुर से भी बड़ी संख्या मे स्टूडेंट यूक्रेन जाते थे। लेकिन पिछले यूक्रेन और रूस के बीच वार शुरू होने पर हजारों बच्चे यहां फंस गए थे। पढ़ाई अधूरी छोडक़र उन्हें इंडिया लौटना पड़ा था। ऐसे में एजेंट्स ने नेपाल और बांग्लादेश में नया मार्केट खोज लिया है। वहां के मेडिकल कॉलेजों से संपर्क करके अपने बिजनेस को स्टार्ट किया है। एजेंट्स का दावा है कि रूस और यूक्रेन के बीच हुए वार के पहले वह रसिया और यूक्रेन में मेडिकल स्टडी के लिए स्टूडेंट्स को भेजते थे।

एक लाख देना होगा कमीशन
संडे को नीट एग्जाम सेंटर के बाहर दिए जा रहे ब्रोशर लेने के बाद मंडे को रियलिटी चेक करने के लिए रिपोर्टर ने लिखे नंबर पर कॉल की। कॉल रिसीव करने वाला बिहार में बैठा था। बताया कि बिना एंट्रेंस दिए नेपाल और बांग्लादेश से एमबीबीएस करा देंगे। टोटल पांच साल की स्टडी में 4.5 साल स्टडी और 6 महीने इंटर्नशिप होगी। बांग्लादेश में 48 और नेपाल में 52 लाख पूरे एमबीबीएस कोर्स की फीस देनी होगी। इसी में हॉस्टल और मेस की फीस भी जुड़ी हुई है। कॉलेज तीन किस्तों में फीस जमा करने को कहते हैैं लेकिन हम चार किस्तों में करा देंगे। फोन पर बताया कि एडमिशन के बाद एक लाख रुपए उन्हें कमीशन लगेगा। बताया कि कोर्स कंटेंट और फैकल्टी इंडिया की ही रहेगी।

काबिलियत पर रहेगा शक
इंडिया में किसी भी मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस मे एडमिशन के लिए नीट(नेशनल एलिजबिलिटी कम एंट्रेंस टेस्ट) को पास करना होगा। नीट को पास करके एडमिशन देने का मकसद यह होता है कि डॉक्टर वही व्यक्ति बने जो काबिल है। विदेश से स्टडी करने के लिए भी लैैंग्वेज और इंस्टीट्यूट का एंट्रेंस टेस्ट क्लीयर करना होता है। लेकिन विदेश में बिना एंट्रेंस के एडमिशन लेकर डॉक्टर बनने वालों की काबिलियत पर शक रहेगा।

यूक्रेन में फंसे थे 100 से ज्यादा स्टूडेंट
एक साल पहले यूक्रेन और रूस के वार में सिटी के 100 स्टूडेंट यूक्रेन में फंस गए थे। उनकी मदद के लिए एडमिशन दिलाने वाला कोई भी एजेंट आगे नहीं आया था। गवर्नमेंट ने ही उनको वहां से सुरक्षित निकाला था।

इंडिया में प्रैक्टिस के लिए एनएमसी टेस्ट
विदेश से एमबीबीएस या किसी अन्य मेडिकल डिग्री लेने के बाद भी आप इंडिया में प्रैक्टिस नहीं कर पाएंगे। इसके लिए आपको नेशनल मेडिकल कमीशन (एनएमसी) के टेस्ट को पास करना होगा।

विदेश से एमबीबीएस का यह भी कारण
यदि आप इंडिया के किसी भी प्राइवेट मेडिकल कॉलेज से एमबीबीएस की पढ़ाई करते हैैं तो मिनिमम 75 लाख खर्च आता है। वहीं नेपाल और बांग्लादेश से एमबीबीएस करने में 20 से 22 लाख की बचत हो जाती है।

एजेंट क्या कर रहे हैं दावा
-बिना एंट्रेंस नेपाल या बांग्लादेश से एमबीबीएस करा देंगे
-टोटल पांच साल के कोर्स में साढ़े चार साल स्टडी होगी
-6 महीने इंटर्नशिप भी किसी हॉस्पिटल में कराएंगे
-बांग्लादेश में 48 लाख रुपए पूरे कोर्स की फीस देनी होगी
-नेपाल में 52 लाख रुपए पूरे एमबीबीएस कोर्स का खर्च आएगा
-इसी में हॉस्टल और मेस की फीस भी जुड़ी हुई है।
-चार किस्तों में फीस जमा करने की सुविधा दिलाएंगे
-कोर्स कंटेंट और फैकल्टी इंडिया की ही रहेगी।
-एडमिशन के बाद एक लाख रुपए कमीशन लगेगा