- कंज्यूमर को सिलेंडर की टाइम बाउंड होम डिलीवरी का गैस एजेंसियों और ऑयल कम्पनियों पर जबर्दस्त प्रेशर

- प्रशासन की सख्ती के बाद एक्सपायरी सिलेंडर एजेंसियों से वापस मंगवाए गए, नया स्टॉक नहीं कर रहे रिलीज

- ऑयल कम्पनियों की शिकायत भारत सरकार से की, दो दर्जन गैस एजेंसियों को नोटिस

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KANPUR : 'ईजी गैस' बुकिंग सर्विस ऑयल कम्पनियों और गैस एजेंसियों दोनों के लिए गले की फांस बन चुकी है। जिसके चलते होम डिलीवरी का टाइम बाउंड प्रेशर और कार्यवाही की तलवार लटकती देख ऑयल कम्पनियों ने इस कंज्यूमर फ्रेंडली सर्विस को बंद कराने की साजिश शुरू कर दी है। ऑयल कम्पनियों की इस खुराफात की भनक लगते ही जिला प्रशासन ने तीनों कम्पनियों को नोटिस थमा दी है।

7 दिनों की बाध्यता

शहर की 7फ् गैस एजेंसियों में 8 लाख से ज्यादा एलपीजी कंज्यूमर्स रजिस्टर हैं। रसोई गैस की कालाबाजारी और एजेंसियों की मनमानी देखकर डीएम डॉ। रोशन जैकब ने 'ईजी गैस बुकिंग' सेवा चालू करवा दी। इससे गैस एजेंसी मालिकों के हाथ-पैर बंध गए। जनसुविधा केन्द्र से गैस बुकिंग करवाने पर एजेंसियों को 7 दिनों के अंदर सिलेंडर घर पहुंचाना होता है। मगर, ब्लैक मार्केटिंग और मुनाफाखोरी के चलते एजेंसियों ने जिला प्रशासन की इस योजना को ज्यादा तवज्जो नहीं दी।

90 हजार सिलेंडर का बैकलॉग

ईजी गैस बुकिंग सेवा पर गैस एजेंसियों की लापरवाही देखकर डीएम ने एजेंसियों के गोडाउन पर छापेमारी के आदेश दिए। जांच में तमाम गड़बडि़यां मिली। एक्सपायरी सिलेंडरों की बहुतायत में डिलीवरी को भी पकड़ा गया था। पब्लिक की जान के साथ खिलवाड़ होने की जानकारी मिलते ही डीएम ने एक्सपायरी सिलेंडर की होम डिलीवरी पर रोक लगा दी। डीएम आदेशों के बाद गैस एजेंसियों ने एक्सपायरी सिलेंडर वापस करना शुरू कर दिया। आंकड़ों के अनुसार कुल 90 हजार एक्सपायरी सिलेंडर ऑयल कम्पनियों को वापस किये जा चुके हैं।

बढ़ता जा रहा प्रेशर

एक्सपायरी सिलेंडर का बैकलॉग बढ़ने का असर सिलेंडर की होम डिलीवरी पर भी पड़ रहा है। हालत यह है कि एक-एक दिन में क्0-क्0 हजार बुकिंग का बैकलॉग बढ़ता जा रहा है। खुद अफसरों ने भी सिलेंडर की डिलीवरी नहीं होने से शहर की कानून-व्यवस्था बिगड़ने का खतरा जताया है। प्रेशर बढ़ता देख ऑयल कम्पनियां खुराफात में जुट गई हैं। एक्सपायरी सिलेंडर के विकल्प में नए सिलेंडर की खेप गैस एजेंसियों को भेजी ही नहीं जा रही है। इससे बुकिंग और डिलीवरी के स्टेटस में भारी अंतर आ चुका है।

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इनसेट में बोल्ड करके लगाएं

भारत सरकार से शिकायत

एक्सपायरी सिलेंडर के सापेक्ष ऑयल कम्पनियों के एलॉटमेंट में काफी अंतर है। हालत यह है कि आठ लाख से ज्यादा एलपीजी कंज्यूमर हैं। जबकि हर दिन कोटा क्.ख्भ् लाख का ही एलॉट हो रहा है। इस 'खेल' की भनक लगते ही जिला प्रशासन ने ऑयल कम्पनियों को नोटिस जारी कर दी है। इसके साथ ही भारत सरकार में भी इसकी शिकायत कर दी है। नोटिस के तहत ऑयल कम्पनियों को एक्सपायरी सिलेंडर का कोटा पूरा करने को कहा गया है। हर एजेंसी को एलॉट होने वाला कोटा, बुकिंग और डिलीवरी का स्टेटस भी ऑनलाइन फीड करना होगा। एजेंसी का सर्वर एनआईसी से लिंक-अप रहेगा। इससे एक-एक सिलेंडर की बुकिंग और डिलीवरी की जानकारी आम उपभोक्ता ले सकेगा।

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सिलेंडर बुक न करने पर गैस एजेंसियों को नोटिस -

अमित गैस एजेंसी, जयहिन्द गैस एजेंसी, मीरा इंडेन एजेंसी, सचान गैस एजेंसी, शांति गैस एजेंसी, भागवत गैस एजेंसी, सुमिता गैस एजेंसी, शिवराजपुर, चकेरी गैस एजेंसी, जितेन गैस एजेंसी, प्रियंका इंडेन, साक्षी गैस एजेंसी, कानपुर गैस एंड एलाइड गैस एजेंसी, घाटमपुर गैस एजेंसी, वाल्मीकि गैस एजेंसी, बिल्हौर गैस एजेंसी, खुशी गैस एजेंसी, रघुवर गैस एजेंसी, स्वास्तिक गैस एजेंसी, पुष्पा गैस एजेंसी।

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एक नोटिस का असर :

जिला प्रशासन की एक अदद नोटिस ने गैस एजेंसियों की हालत खराब कर दी है। पहले जहां गैस एजेंसियां सिलेंडर की बुकिंग ही नहीं कर रही थीं। वहीं नोटिस जारी होने के बाद गैस एजेंसियों ने एडवांस बुकिंग शुरू कर दी है।

नोटिस से पहले और बाद में सिलेंडर की बुकिंग और डिलीवरी का स्टेटस :

स्टॉक एंट्री टोटल बुकिंग टोटल डिलीवरी

पहले ख्म्,8भ्9 फ्8,0ब्9 क्ब्,07भ्

बाद में ब्ख्,9ख्म् म्0,0भ्ख् ख्0,क्8म्

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वर्जन वर्जन

ऑयल कम्पनियां काफी पहले मार्केट से एक्सपायरी सिलेंडरों का स्टॉक उठा चुकी हैं। मगर, नया स्टॉक मार्केट में रिलीज नहीं किया जा रहा है। स्टॉक की क्राइसिस के कारण गैस एजेंसियों ने भी बुकिंग कम कर दी। डीएम मैडम के निर्देशों पर ऑयल कम्पनियों को नोटिस जारी करने के निर्देश दिए। भारत सरकार से भी ऑयल कम्पनियों की मनमानी के बाबत शिकायत की गई है।

- शत्रुघ्न सिंह, एडीएम फाइनेंस

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ईजी गैस बुकिंग सर्विस जनहित से जुड़ा प्रोजेक्ट है। भारत सरकार जल्द ही इसे पूरे देश में लागू करने जा रही है। ऑयल कम्पनियां या गैस एजेंसियां अगर इस योजना की अनदेखी करती हैं या होम डिलीवरी के नाम पर कंज्यूमर को परेशान कर रही हैं। तो दोनों यूनिट्स की मंशा संदिग्ध है। जनहित गारंटी के मामलों को लेकर शासन बेहद गंभीर है। इसलिए जनता के हितों की अनदेखी करने वालों के खिलाफ सख्त कार्यवाही की जाएगी।

- डॉ। रोशन जैकब, डीएम कानपुर