इस दिवाली पटाखे पिछली बार की अपेक्षा काफी महंगे हो गए हैं जिसका सीधा असर पटाखों की सेल पर पडऩा तय है। इसको लेकर न सिर्फ क्रैकर्स के होलसेलर्स परेशान हैं, बल्कि आम कानपुराइट्स भी अपनी व्यथा बयान कर रहे हैं। हालांकि, अभी तक नानाराव राव पार्क में लगने वाला कै्रकर्स का होलसेल मार्केट प्रशासन के लाइसेंस न दिए जाने की वजह से लगाया नहीं जा सका है। लेकिन, दूसरे जिलों से क्रैकर्स खरीद कर लाने वाले कानपुराइट्स और क्रैकर्स के होलसेलर्स के मुताबिक क्रैकर्स के रेट्स इस बार इतने ज्यादा हैं कि काफी ज्यादा पैसों में भी बहुत कम क्रैकर्स ही आएंगे।

फैमली के लिए ही पूरे नहीं पड़ते

कानपुराइट्स एक-दूसरे के साथ मिलकर क्रैकर्स छुड़ाने के लिए हमेशा से ही फेमस रहे हैं। लेकिन, क्रैकर्स में आई महंगाई की वजह से अब इस परंपरा पर भी असर पड़ा है। गोविन्द नगर के रहने वाले दीप मिश्रा क्रैकर्स के काफी पुराने शौकीन हैैं। क्रैकर्स में आई महंगाई से परेशान दीप ने बताया कि पिछले तीन साल में ही क्रैकर्स करीब चार गुना तक महंगे हो चुके हैं। तीन साल पहले वो सिर्फ 5 हजार के क्रैकर्स ही खरीदते थे और पड़ोसियों के साथ उनका मजा लेते थे। लेकिन, अब 20 हजार के पटाखे ही इतने मिले हैं कि घर में पूरे पड़ जाएं तो बड़ी बात है। वहीं, अन्य चीजों में भी महंगाई के काफी बढ़ जाने की वजह से पटाखों का बजट इससे ज्यादा भी नहीं किया जा सकता। वहीं, बर्रा के रहने वाले केके सिंह ने बताया कि पहले महंगे क्रैकर्स खरीदने में गुरेज नहीं करते थे। लेकिन, अब महंगाई की वजह से बहुत कुछ सोचना पड़ता है। इस बार कम मात्रा में ही क्रैकर्स परचेज करने होंगे।

वेजिटेबल्स व फ्रूट्स भी

दीपावली फेस्टिवल में सिर्फ दस दिन ही बचे हैैं। ऐसे में वेजिटेबल्स और फ्रूट्स के दामों में हुए जबरदस्त इजाफे ने आम आदमी का बजट बिगाड़ दिया है। प्याज तो सबसे ज्यादा रुला रहा है। वैसे तो इसके बीच में 50 रुपए के आसपास आ गए थे। लेकिन, कुछ दिन पहले हुई बारिश की वजह से प्रॉब्लम फिर से ज्यों का त्यों हो गई है। प्याज की आवक मार्केट में कम हो गई है, जिसकी वजह से इसके दाम बेतहाशा बढ़ गए हैं। सिटी की मार्केट में प्याज के रेट्स 80 से 100 रुपए किलो बिक रहा है। वहीं, छोटा प्याज 70 रुपए किलो मिल रहा है। प्याज के अलावा दूसरी सब्जियों के दाम भी कम नहीं रुला रहे हैं। बंबा रोड के ग्र्रीन वेजीटेबल सेलर राम बाबू ने बताया कि बीते तीन दिन में सब्जियों के दाम आसमान पर पहुंच गए हैैं। जो आलू 12 रुपए केजी मिल रहा था वो अब 20 रुपए किलो बिक रहा है। देसी व नासिक का टमाटर 40 रुपए केजी बिक रहा है। अरबी 40 रुपए किलो बिक रही है। लहसुन में भी दस रुपए का उछाल आया है। बीेंस 100 रुपए किलो बिक रही है। सभी सब्जियों के रेट्स 10 से 20 रुपए प्रति केजी बढ़ गए हैैं।  

ब्रोकली 300 रुपए केजी

बंबारोड के सब्जी विक्रेता महेश बाथम ने बताया कि सबसे ज्यादा इजाफा ब्रोकली के दामों में हुआ है। पिछले हफ्ते ही 200 रुपए में मिल रही ब्रोकली, इस हफ्ते 300 रुपए केजी मिल रही है। सोया-मेथी व बथुआ, पालक भी 60 रुपए केजी से कम में नहीं मिल रहे हैं। मशरूम 200 रुपए, परवल 50 रुपए, नया आलू व कद्दू 30 रुपए, मटर 80 रुपए, गोल बैैंगन 40 रुपए तो वहीं लंबा बैैंगन 80 रुपए पर केजी के हिसाब से मिल रहा है।

प्याज से सस्ता सेब

प्याज का खौफ लोगों पर इस कदर हावी हो चुका है कि लोग फ्रूट्स की तुलना भी इससे करने में पीछे नहीं रहते हैं। गोल चौराहा फ्रूट मंडी के बबलू ने बताया कि प्याज से सस्ता सेब बिक रहा है। अच्छा सेब 70 से 80 रुपए किलो बिक रहा है, जो कि प्याज के रेट्स से कम ही है।

फ्रूट्स के रेट बढ़े हैं तेजी से

फ्रूट                     

                           एक महीने पहले रेट   वर्तमान रेट

रेड अंगूर, कैलीफोर्निया-                        400 रुपए केजी

 अंगूर ब्लैक कलर-                               200 रुपए केजी

न्यूजीलैैंड का किवी एक पीस-                    35 रुपए

थाईलैैंड इमली -                                 70 रुपए की 250 ग्राम

सर्दा कर्नाटक -                                   60 रुपए केजी

 अमेरिकन सेब -                                  200 रुपए केजी

ये वेजिटेबल्स भी नहीं पीछे

वेजिटेबल     एक महीने पहले रेट   वर्तमान रेट

शिमला मिर्च-                          100 रुपए केजी

हरी धनिया-                              100 रुपए केजी

अदरख-                                100 रुपए केजी

बंध गोभी-                             40 रुपए का एक पीस

गाजर-                                 60 रुपए केजी

कमल ककड़ी-                           80 रुपए केजी

पुदीना एक गड्डी-                        20 रुपए

लहसुन-                                50 रुपए केजी

शलजम-                                40 रुपए केजी

चुकंदर-                                  50 रुपए केजी

तरोई-                                  40 रुपए केजी

भिंडी-                                  30 रुपए केजी

करेला-                                30 रुपए केजी

लौकी-                                  25 रुपए केजी

 

मेरा दर्द न जाने कोय

सिटी में होलसेल क्रैकर्स कारोबारियों को इस साल के लिए फिलहाल अभी डिस्ट्रिक्ट एडमिनिस्ट्रेशन से लाइसेंस नहीं मिल सका है। अपनी व्यथा बयान करते हुए कानपुर आतिशबाजी उद्योग व्यापार मण्डल के प्रेसीडेंट राजू समसी ने बताया पहले करीब 24 दिन के लिए क्रैकर्स स्टॉक में रखने और बेचने का लाइसेंस मिलता था। लेकिन, इस बार ये केवल दस दिन के लिए ही मिलेगा। जबकि अदर डिस्ट्रिक्ट्स में क्रैकर्स की मार्केट लग चुकी हैैं। हम यहां पर लाइसेंस की परमीशन के  लिए भटक रहे हैैं। उन्होंने बताया एक तरफ तो वैसे ही महंगाई की वजह से सेल पर असर पडऩा तय है, तो वहीं अभी तक दुकानें न लगने से भी उन्हें काफी लॉस हो चुका है, जोकि पिछले साल का लगभग 60 परसेेंट तक होने का अनुमान है। वैसे तो नानाराव पार्क में 7 अक्टूबर को शेड लग गए थे, लेकिन परमीशन के इंतजार में मार्केट नहीं लग पाईं। बकौल राजू सिर्फ कानपुर में ही दीपावली के टाइम लाइसेंस मिलता है। जबकि, दूसरे शहरों में होलसेलर्स के पास परमानेंट लाइसेंस रहता है।

शहर का बिजनेस दूसरे जिलों में

अतिशबाजी उद्योग व्यापार मण्डल के वाइसप्रेसीडेंट मसूद आलम ने बताया शहर में होलसेल क्रैकर्स की मार्केट लगाने का लाइसेंस अभी तक न मिलने की वजह से सिटी के नॉर्मल कस्टमर्स और रिटेलर्स ने दूसरे जिलों का रुख कर लिया है। इस बार 50 परसेंट ही माल मगाएंगे। पहले करीब एक महीने क्रैकर्स मार्केट लगती थी। और इस बार महंगाई भी काफी बढ़ गई है, आदमी पहले आलू प्याज खरीदेगा न कि पटाखे।