कानपुर (ब्यूरो) पहला मामला : नजीराबाद निवासी सुशील कुमार के फोन पर 63065 45609 नंबर से कॉल आई। कॉल करने वाले ने क्रेडिट कार्ड बनवाने का झांसा देकर सेलरी स्लिप, आधार, पैन और बैैंक डिटेल ले ली। अगले दिन सुबह मोबाइल पर डेढ़ लाख रुपये छह बार में निकलने का मैसेज देख पसीना आ गया।

दूसरा मामला : बारादेवी निवासी विजय कुमार ने क्राइम ब्रांच को की गई शिकायत में बताया कि वे देर शाम अपने ऑफिस से घर पहुंचे थे। खाना खाने के बाद थोड़ी देर कंपनी का काम देखने के बाद सो गए। सुबह उठे तो मोबाइल पर एक लाख सत्तर हजार रुपये 15 बार में निकलने का मैसेज दिखाई दिया। उन्होंने बताया कि दोपहर को क्रेडिट कार्ड बनवाने के लिए किसी युवती की कॉल आई थी जिसको डिटेल दी थी।

तीसरी वारदात : तीसरी ठगी की वारदात रेल बाजार में रहने वाली पूनम के साथ हुई। पूनम को भी क्रेडिट कार्ड बनाने का झांसा दिया गया। उनके खाते से शातिरों ने 90 हजार रुपये तीन बार में निकाल लिए। जांच के दौरान पता चला कि इन तीनों वारदातों में एक बात कॉमन रही कि रकम रात के समय ही खातों से निकली।

सावधानी ही आपकी रकम बचा सकती है
- क्रेडिट कार्ड बनाने वाले कभी कॉल कर जानकारी नहीं लेते हैैं।
- किसी भी हालत में इन्हें आधार, पैन व एकाउंट की डिटेल न दें
- अगर गलती से जानकारी दे देते हैैं तो सुबह तक इंतजार न करें।
- रात में ही पेमेंट स्टॉप करा देें और ऑनलाइन शिकायत कर दें।
- बात करने के दौरान कॉलर को बातों में लगाकर भाषा पर ध्यान दें।
- बोलचाल की भाषा में बिहार की भाषा आसानी से पहचान सकते हैैं।

कई मामले सामने आने के बाद बिहार के जामताड़ा का गैैंग की जानकारी मिली है। बिहार के सीनियर ऑफिसर्स से मदद लेकर टीम भेजी गई है।
विजय सिंह मीना, पुलिस कमिश्नर