-राशन कार्ड बनने में हो रही हद दर्जे की देरी से गरीबों की मुसीबत बढ़ती जा रही
-पुराने कार्ड पर ही राशन देने की मांग, आई नेक्स्ट को फोन कर बताई परेशानी
KANPUR : राशन का गेंहू-चावल न मिलने की वजह से कई घरों में लोग अपना पेट नहीं भर पा रहे हैं। महंगाई के चलते बाजार से राशन खरीदना उन पर पर भारी पड़ रहा है। ऐसे कई लोगों का कहना है कि जब तक नए राशन कार्ड नहीं बन जाते तब तक पुराने राशन कार्ड के आधार पर ही राशन बांटा जाए।
लोगों को हो रहा है नुकसान
खाद्य सुरक्षा योजना के तहत बन रहे नए राशन कार्ड बनने में लग रहा समय उन लोगों को पर बहुत भारी पड़ रहा है। जिनका घर कंट्रोल से मिलने वाले गेहूं-चावल से चलता है। ऐसे परिवारों का राशन इस समय बंद है। यहां तक कि उन्हें ईंधन के लिए मिट्टी का तेल भी नहीं मिल रहा है। आई नेक्स्ट के पास आए कई फोन काल्स में बताया गया कि छह-आठ महीने हो गए नए राशन कार्ड के लिए फॉर्म भरे, लेकिन कार्ड नहीं बना। सरकार एक तरफ तो खाद्य सुरक्षा की गारन्टी दे रही है, लेकिन यहां तो भूखे मरने की नौबत आ रही है।
लोगों का कहना है कि अगर नए राशन कार्ड बनने में इतना समय लगना था तो पुराने कार्ड कैंसिल क्यों कर दिए गए। खाद्य आपूर्ति विभाग जब नए कार्ड देता तब पुराने कार्ड कैंसिल करना चाहिए था। इससे राशन मिलना तो नहीं बंद होता। इस बाबत डीएसओ नीरज कनौजिया का कहना है कि शासन के निर्देश के मुताबिक पुराने कार्ड कैंसिल किए गए हैं। नए कार्ड भी अब जल्द ि1मल जाएंगे।
पब्िलक के बोल
1- राशन विभाग की लापरवाही का खामियाजा हम लोगों को भुगतना पड़ता है। महीनों से राशन नहीं मिला है। इसका जिम्मेदार कौन।
आशरा बेगम, नई सड़क
2- राशन कार्ड बनाने का यह सिस्टम फेल हो गया है। लोगों के घरों का राशन बंद करवा कर नया राशन कार्ड बनाया जा रहा है।
सुधांशु निगम, रामादेवी
3- गरीब आदमियों की कोई नहीं सुनता। राशन कार्ड के बारे में जब कोटेदार से पूछते हैं तो वह झिड़क कर बात करता है।
संजय, गोविन्दनगर
4- नए राशन कार्ड न बनने की शिकायत भी नहीं सुनी जा रही है। डीएसओ ऑफिस भी गया लेकिन वहां से भी टरका दिया गया।
मो। आसिफ, चमनगंज
5- कंट्रोल के राशन का बहुत सहारा रहता है। पांच महीने से राशन नहीं मिला है। इतनी कमाई नहीं कि बाजार से राशन खरीदकर पेट भर सकें
रुखसाना बेगम, फजलगंज
6- नए राशन कार्ड की लिस्ट में नाम आ चुका है। राशन कार्ड के बारे में कोटेदार कहता है कि अप्रैल में कार्ड मिलेंगे, तभी राशन लेने आना।
सत्येन्द्र पाल सिंह, बर्रा
7- सरकार गरीबों पर अत्याचार कर रही है। राशन कार्ड बनने में इतनी देरी लगने की जांच होनी चाहिए और दोषी अफसरों को दण्ड मिले।
सीमा देवी, नौबस्ता
8- छह महीने में राशन कार्ड नहीं बन पाया। कैसी व्यवस्था है। अफसर मौज से काम कर रहे हैं, यहां गरीबों के घर का राशन बंद हो गया है।
अजय कश्यप, जूही
9- राशन बंद कर नए राशन कार्ड बनाने की व्यवस्था ने हजारों परिवारों को भूखे पेट कर दिया है। अधिकारियों को सोचना चाहिए।
उमाकान्त, शास्त्री नगर
10- फार्म भराते समय कहा गया था कि एक महीने में नया राशन कार्ड मिल जाएगा। जबकि छह महीने बीत चुके हैं। कोटेदार भी कुछ नहीं बता रहा।
सुभाष चन्द्र, रेलबाजार