- प्वाइजनिंग से मौत के बाद रुपए न मिलने तक डेडबॉडी नहीं भेजी मोर्चरी

- ईएमओ पर 560 रुपए लेकर डेडबॉडी रखवाने का आरोप, परिजनों ने किया हंगामा

KANPUR: हैलट में सोमवार को एक शर्मनाक वाक्या सामने आया। एक युवक की जहर खाने से मौत हो जाने के बाद 560 रुपए न मिलने तक उसके शव को मोर्चरी में नहीं रखवाया गया। परिजनों का आरोप है कि ईएमओ ने रुपए लेने के बाद ही शव को मोर्चरी में भिजवाया। देरी से शव पहुंचने की वजह से उसका समय से पोस्टमार्टम भी नहीं हो पाया, जिस पर परिजनों ने हंगामा किया।

मेडिको लीगल के लिए सुविधा शुल्क

बर्रा की भीमनगर कच्ची बस्ती में रहने वाले मुकेश ने रविवार को जहरीला पदार्थ खा लिया था। जिसके बाद परिजनों ने दोपहर को उसे हैलट इमरजेंसी के मेडिसिन विभाग में भर्ती कराया था। मां फूलमती ने बताया कि थोड़ी देर बाद उनके बेटे की मौत हो गई। जिसके बाद डॉक्टर्स ने उसके शव को मोर्चरी में रखवाने के लिए भेजा। फूलमती ने आरोप लगाया कि उस समय इमरजेंसी में ईएमओ डॉ। एसके सिंह की डयूटी थी। उन्होंने पहले मेडिको लीगल के लिए 560 रुपए मांगे, जब उसने अपनी आर्थिक स्थिति का हवाला दिया तो शव को मोर्चरी में रखवाने से मना कर दिया। जैसे तैसे कई घंटे बाद जब उन्होंने रुपए लाकर डॉक्टर को दिए तब ईएमओ ने शव को मोर्चरी में रखवाया।

रुपए लेकर शव मोर्चरी में रखवाने की जानकारी नहीं है। अगर ऐसा मामला है तो मामले की जांच करा कर कार्रवाई की जाएगी।

डॉ। सीएस सिंह, सीएमएस, एलएलआर हॉस्पिटल