- डेंगू के आंकड़े छिपाने पर तुले स्वास्थ्य विभाग की मक्कारी, सिर्फ कागजों पर हो रही फागिंग

- डेंगू के 100 पॉजिटिव मरीजों में सिर्फ 5 ही शहर के, 41 का कुछ पता ही नहीं

- 50 नर्सिगहोमों व पैथोलॉजियों से मिल रही डेंगू पेशेंट्स की रिपोर्ट

KANPUR:

डेंगू पर अपनी नाकामियों को छिपाने में जुटे स्वास्थ्य विभाग की मक्कारी एक बार फिर सामने आई है। डेंगू की रिपोर्ट बताने पर तो उसने पैथोलॉजियों व नर्सिग होमों पर रोक लगा दी है, लेकिन डेंगू पेशेंट मिलने पर उनके घरों के आस पास होने वाली फागिंग व एंटी लार्वा का छिड़काव भी कागजों पर ही हो रहा है। इसका खुलासा खुद डेंगू पॉजिटिव आए एक मरीज के तीमारदार ने किया।

नहीं आया कोई दवा डालने

बिल्हौर के मकनपुर में रहने वाली मुन्नीदेवी (52) को 16 सितंबर को मेडिकल कॉलेज की जारी रिपोर्ट में डेंगू की पुष्टि हुई। दो दिन पहले हालत बिगड़ने पर उनके रिश्तेदार उन्हें हैलट लेकर आए। मरीजों की भीड़ की वजह से मंगलवार रात को वह डेंगू वार्ड में भर्ती हो सकी, जहां उनकी हालत नाजुक है। रिश्तेदारों के मुताबिक डेंगू पॉजिटिव आने के बाद आज तक न तो स्वास्थ्य विभाग की तरफ से उनसे संपर्क किया गया और न सीएचसी से कोई उनके गांव में दवा का छिड़काव करने आया। हैलट आने पर भी फार्मासिस्टों की हड़ताल की वजह से कई दवाएं उन्हें बाहर से लानी पड़ी।

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नए मरीजों का मिलना जारी

डेंगू के नए मामलों का मिलना लगातार जारी है भले ही स्वास्थ्य विभाग को 2 दिन में डेंगू के सिर्फ 5 मरीज ही मिले हों, लेकिन बुधवार को ही हैलट के डेंगू वार्ड में शहर के 6 डेंगू के मरीज भर्ती हुए। ये मरीज परमट, सिविल लाइंस गुलाब का हाता, कल्याणपुर कलां, चकेरी और बर्रा जैसे इलाकों से भर्ती हुए हैं। जोकि स्वास्थ्य विभाग के दावों को भी झुठला रहे हैं। वहीं महामारी वैज्ञानिक देव सिंह के मुताबिक दो दिन में 100 डेंगू पॉजिटिव मरीज मिले हैं, जिसमें से सिर्फ 5 ही कानपुर के हैं, लेकिन वह अज्ञात 41 मरीजों के बारे में कुछ नहीं बता पाते जबकि अब रिपोर्ट सभी पैथालॉजियों व नर्सिग होमों से रोजाना उन तक पहुंच रही है।

डाॅक्टर्स में भी असंतोष

डेंगू को लेकर स्वास्थ्य विभाग की हुड़की के बाद अब नर्सिग होम संचालकों व पैथालॉजिस्टों में भी असंतोष है। दरअसल स्वास्थ्य विभाग ने डेंगू की फॉल्स रिपोर्टिग रोकने के नाम पर एसीएमओ की अगुवाई में एक टीम गठित की है जोकि डेली पैथोलॉजियों में व नर्सिंग होमों का निरीक्षण कर रही है। डॉक्टर्स के मुताबिक यह बीमारी का प्रकोप छिपाने के लिए नर्सिग होमों व पैथोलॉजियों के खिलाफ दबाव बनाने के लिए किया जा रहा है। हालांकि कोई डॉक्टर अभी खुल कर स्वास्थ्य विभाग के खिलाफ नहीं आया है।