-स्पेशल जज एससी-एसटी कोर्ट ने सुनाया फैसला, 65 हजार का जुर्माना भी

-दो साल तक नाबालिग का रेप करने का था आरोप, 14 अगस्त करार हुआ था दोषी

-फैसले से दोनों पक्ष संतुष्ट नहीं, जाएंगे हाईकोर्ट

KANPUR : साक्षी रेपकांड में दोषी तत्कालीन सीओ अमरजीत शाही को सोमवार को कोर्ट ने दस साल कैद और म्भ् हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई। सजा सुनते ही शाही के चेहरे की हवाइयां उड़ गईं, तो उसके रिश्तेदार और दोस्त फूट-फूटकर रोने लगे। वहीं, पीडि़ता और उसकी फैमिली फैसले से खुश तो है लेकिन संतुष्ट नहीं। क्योंकि वो कोर्ट से दोषी को कम से कम उम्रकैद की सजा की उम्मीद कर रहे थे। कोर्ट के निर्णय के बाद पुलिस और पीएसी के घेरे में शाही को जेल भेजा गया। इस दौरान कोर्ट के बाहर कई महिला संगठन समेत वकीलों का जमावड़ा लगा रहा।

बेहोश कर किया था रेप

कैंट के एयरफोर्स स्टेशन कालोनी में रहने वाले कैप्टन महेश चंद्र विद्यार्थी की बेटी साक्षी ख्0क्0 में सेंट्रल स्कूल में क्लास क्0 की मेधावी स्टूडेंट थी। तभी उसने एयरक्राफ्ट उड़ाना सीखा था। इसके लिए उसको एक प्रोग्राम में तत्कालीन सीओ अमरजीत शाही ने सम्मानित किया था। उसी समय सीओ का सीसामऊ से कैंट सर्किल में ट्रांसफर कर दिया गया। जिसके बाद वो साक्षी के घर जाने लगा। एक दिन उसने साक्षी को चाय में नशीली गोली मिलाकर पिला दी। जिससे वो बेहोश हो गई। जिसका फायदा उठाकर सीओ ने उसकी आबरू लूट ली और उसकी अश्लील सीडी बना ली। उसे होश आने पर सच्चाई का पता चला। वो बदनामी के डर से चुप रही।

पिता के खिलाफ लिखवाई चिठ्ठी

कुछ दिनों बाद सीओ दोबारा साक्षी के घर पहुंचे, तो वह उसे देखकर सहम गई। सीओ ने अश्लील सीडी को इंटरनेट पर डालने की धमकी देकर दोबारा रेप किया। इसके बाद उसने साक्षी को धमकी देकर पिता के खिलाफ ही कई चिट्ठी लिखवा लीं। वो दो साल तक साक्षी का रेप करता रहा। तभी सीओ का प्रतापगढ़ ट्रांसफर हो गया। साक्षी ने समझा कि अब बला टल गई, लेकिन शाही कुछ दिनों बाद उसके घर पहुंचा और उसे जबरन अपने साथ प्रतापगढ़ ले गया। जहां पर उसने साक्षी से रेप किया। जिसका पता चलने पर साक्षी के पिता प्रतापगढ़ पहुंचे। वहां सीओ ने उनको धमकी देकर बाहर बैठा दिया और खुद साक्षी को लेकर रूम में चला गया। अगले दिन साक्षी को उसके पिता किसी तरह घर ले गए।

क्भ् मार्च ख्0क्ख् को दर्ज हुआ मामला

मार्च ख्0क्ख् को साक्षी के पिता ने हिम्मत जुटाकर सीओ की शिकायत की। लेकिन मामला पुलिस के एक बड़े अधिकारी से जुड़ा होने के कारण कोई कार्रवाई नहीं हुई। इस दौरान शाही ने साक्षी को बदनाम करने की धमकी देकर उसको पिता पर ही रेप का इल्जाम लगाने के लिए मजबूर कर दिया। तभी ये मामला मीडिया की सुर्खियों में आ गया। मीडिया ने सच्चाई का पता लगाया, तो पुलिस को क्भ् मार्च को कैंट थाने में तत्कालीन सीओ अमरजीत शाही के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करनी पड़ी। जिसका पता चलते ही सीओ फरार हो गया, लेकिन कुछ दिनों बाद ही पुलिस ने उसको जाजमऊ से गिरफ्तार कर दिया। वो कुछ महीने तो जेल में रहा, लेकिन बाद में उसको जमानत मिल गई।

एससी-एसटी कोर्ट में सुनवाई

इस केस का ट्रायल स्पेशल जज एससी-एसटी एक्ट श्रीप्रकाश की कोर्ट में हुआ। जिसमें कोर्ट ने गवाहों के बयान और सबूतों के आधार पर आरोपी सीओ को दोषी पाते हुए दस साल सश्रम कारावास और म्भ् हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई। कोर्ट के बाहर उसको पीटे जाने के डर से पुलिस और पीएसी की हिरासत में उसको जेल भेजा गया।

इन धाराओं में हुई सीओ को सजा

तत्कालीन सीओ अमरजीत शाही के खिलाफ कैंट थाने में आईपीसी की धारा फ्भ्ब्, फ्म्फ्, फ्7म्, फ्77, भ्0ब्, भ्0म्, फ्ख्8 और एससी-एसटी एक्ट फ्(ख्) (भ्) में केस दर्ज किया गया था, लेकिन कोर्ट ने सीओ शाही को फ्भ्ब् (छेड़खानी), फ्म्फ्, फ्म्म् (बहला-फुसलाकर अगवा करना), फ्7म् (रेप), भ्0ब् में दोषी पाते हुए सजा सुनाई है, जबकि कोर्ट ने अन्य धारा फ्ख्8 (जहरीला पदार्थ खिलाना), फ्77 (कुकर्म) और एससी-एसटी एक्ट में शाही को दोषी नहीं माना है। कोर्ट ने शाही को फ्भ्ब् में एक साल कैद, फ्म्फ् में तीन साल कैद और भ्000 जुर्माना, फ्म्म् में पांच साल कैद और क्0 हजार रुपए जुर्माना, फ्7म् में क्0 साल कैद और भ्0 हजार रुपए जुर्माना, भ्0ब् में एक साल कैद और भ्0म् में दो साल कैद की सजा सुनाई है। नियम के मुताबिक सारी सजाएं एक साथ चलेंगी। इसलिए आरोपी शाही को दस साल कैद और म्भ् हजार रुपए जुर्माना अदा करना पड़ेगा।

फांसी की उम्मीद थी

साक्षी रेपकांड के दोषी सीओ शाही हाईकोर्ट में अपील करेंगे। उन्होंने खुद को निर्दोष बताया है। वहीं, पीडि़ता ने भी हाईकोर्ट में अपील करने की बात कहीं है। उसने कहा कि आरोपी को उम्रकैद की सजा होनी चाहिए, लेकिन उसको दस साल कैद की सजा हुई है। जिससे वो खुश नहीं है। उसने कहा कि वो आरोपी को उम्रकैद की सजा दिलाने के लिए हाईकोर्ट में अपील करेगी।