कानपुर (ब्यूरो)। अगर आपको डायबिटीज है तो बहुत ही अलर्ट रहने की जरूरत है क्योंकि आमतौर पर किडनी, आंख और नसों को इफेक्ट करने वाली डायबिटीज अब लंग्स को भी कमजोर कर रहा है। जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के मेडिसिन डिपार्टमेंट की दो वर्षो की रिसर्च रिपोर्ट से पता चला है कि अनकंट्रोल डायबिटीज से लंग्स भी इंफेक्टेड हो रहे हैं। डायबिटीज में हाई शुगर फेफड़ों की खास कोशिकाओं को बिगाड़ देता है, जो इम्यून सिस्टम को कमजोर कर देता है। नतीजा ये होता है कि वायरस, बैक्टीरिया और फंगस के संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है। लेकिन अगर ब्लड शुगर को कंट्रोल किया जाए या कुछ दवाएं ली जाएं तो इम्यून सिस्टम ठीक हो सकता है और संक्रमण से लड़ सकता है।

दो सौ पेशेंट पर रिसर्च
मेडिसिन डिपार्टमेंट के प्रो। एसके गौतम व उनकी टीम ने दो सौ पेशेंट पर रिसर्च किया। इनकी शुगर 200 से 400 के बीच में थी। जबकि उम्र 40 से 60 साल। वहीं, इन पेशेंट में 30 परसेंट महिलाएं भी शामिल की गईं। सभी पांच से 10 साल से डायबिटीज से ग्रसित हैं। डॉ। एसके गौतम व उनकी टीम ने इन पेशेंट के ट्रीटमेंट के साथ दो सालों तक फॉलो भी किया और बदलते प्रभाव को रिसर्च में सम्मलित किया।

मोटापा व धुम्रपान नहीं
रिसर्च में शामिल लोगों की केस हिस्ट्री को भी एक्सपर्ट ने अच्छी तरह से खंगाला था। इनका वजन ज्यादा नहीं था। मतलब यह मोटे नहीं थे। इन्होंने सिग्रेट या अन्य कोई नशे का सेवन भी कभी नहीं किया था। इसके अलावा पल्मोनरी फंक्शन टेस्ट &पीएफटी&य जांच की रिजल्ट भी पेशेंट की चौंकाने वाली थी। सभी को सांस लेने में समस्या होती थी। फेफड़ों के फूलने-सिकुडऩे की क्षमता भी सामान्य लंग्स की अपेक्षा काफी कम मिली। इन्हें काम करने, सीढ़ी चढऩे, ज्यादा बात करने में भी समस्या आती है।

डायबिटीज लेवल का नियमित करे चेक
जर्नल ऑफ इटरनल मेडिसिन ऑफ इंडिया में प्रिंट रिसर्च में अनकंट्रोल शुगर को इग्नोर न करने व दवाओं के साथ खानपान में सुधार करने की सलाह दी गई है। वहीं, प्रो। एसके गौतम ने बताया कि पांच से 10 साल से डायबिटीज से ग्रसित पेशेंट को अपने खानपान का ध्यान रखने के साथ ही नियमित मेडिसिन का सेवन करना चाहिए। इसके अलावा घर पर ऑटोमैटिक मशीन से नियमित बॉडी का डायबिटीज लेवल की जांच करनी चाहिए। मेडिसिन व संतुलित आहार का सेवन करने के बावजूद अगर डायबिटीज अनकंट्रोल रहता है तो अपने डॉक्टर को नियमित दिखाना चाहिए।