कानपुर (ब्यूरो) इंडियन स्टूडेंट्स के एडमिशन कराने से लेकर उनकी परेशानी और किसी भी दु:ख सुख में खड़े रहते हैैं। रिद्धि और सल्तनत ने बताया कि जब डॉ। मशरूर को पता चला कि इंडियन स्टूडेंटस टैक्सी और बस वाले ओवर चार्ज कर रहे हैं तो वह अपने लोगों के साथ गाडिय़ों ने निकल पड़े और स्टूडेंट्स को इवैक्युएट कर बॉर्डर पर पहुंचाया। वहीं बॉर्डर पर मौजूद लोगों को अंदर भेजने में भी अपने कांटैक्टस इस्तेमाल किए। डीजे आई नेक्स्ट से बात करते हुए मशरूर ने बताया कि सभी बच्चे अपने हैं। उनके लिए जोन बन पा रहा है कर रहे हैं।