प्रदर्शनकारी महिलाओं ने उस तस्वीर को ले रखा था जिसमे मिस्र के सुरक्षा बलों द्वारा एक महिला के ख़िलाफ़ हिंसक कार्रवाई करने की बात साफ़ देखी जा सकती है।

मिस्र की फ़ौज के जवानों ने उस महिला को पीटते हुए ज़मीन पर घसीटा था जिसमे उसके शरीर के कुछ कपडे भी फट गए थे। यह विशाल रैली काहिरा की मशहूर तहरीर चौक पर हुई और इसी जगह पर पिछले पांच दिनों से प्रदर्शनकारियों और सुरक्षा बलों के बीच हिंसक झडपें जारी हैं।

सोमवार को अमरीका की विदेश मंत्री हिलैरी क्लिंटन ने मिस्र की पुलिस और सुरक्षा बलों पर महिलाओं को निशाना बनाने का आरोप लगाया था। इस बीच मिस्र की सरकार का कहना है कि उसे इस बात का खेद है अगर महिला प्रदर्शनकारियों के ख़िलाफ़ 'आज्ञालंघन' हुआ है।

'अफ़सोस'

सोमवार को अमरीका की विदेश मंत्री हिलैरी क्लिंटन ने मिस्र की पुलिस और सुरक्षा बलों पर महिलाओं को निशाना बनाने का आरोप लगाया था।

वाशिंगटन में पत्रकारों को संबोधित करते हुए हिलैरी क्लिंटन ने कहा, "मिस्र में महिलाओं के ख़िलाफ़ हो रही हिंसक कार्रवाई से क्रांति का महत्व कम होता है और यह देश की साख को कम करता है." साथ ही उन्होंने पिछले कुछ दिनों की घटनाओं को 'चौंकाने वाला' क़रार दिया है।

इससे पहले मिस्र की सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी जनरल आदिल इमारा ने कहा था कि उस महिला पर हुए हमले की घटना की जांच चल रही है और वो अपने आप में अकेला वाक़या था। उन्होंने कहा, "हमारे पास छिपाने के लिए कुछ नहीं है."

मिस्र में पिछले शुक्रवार से शुरू हुए विरोध प्रदर्शनों में अब तक कम से कम 13 व्यक्तियों की मौत हो चुकी है। इसी बीच मिस्र में सत्ता संभाल रहे सैन्य परिषद ने काहिरा के प्रदर्शनकारियों पर संसद भवन को आग लगाने का षडयंत्र रचने का आरोप लगाया है। जनरल आदिल एमारा ने कहा है कि राजधानी काहिरा में हो रही झड़पें सिलसिलेवार तरीके से मिस्र की सुरक्षा को कमज़ोर करने की साजिश है।

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