-जबलपुर में दर्ज अमानत में खयानत के केस में सशर्त राहत मिली

-अब बिना पुलिस की परमीशन के विदेश नहीं जा सकेंगे आरोपी परिजन

-पुलिस को जांच में सहयोग करना पड़ेगा, वरना जमानत कैंसिल हो जाएगी

KANPUR : शहर के बहुचर्चित ज्योति हत्याकांड के हत्यारोपी पीयूष के परिजनों को फिलहाल जबलपुर में दर्ज अमानत में खयानत में हाईकोर्ट से राहत मिल गई है। हाईकोर्ट से उनको बेल तो मिल गई है, लेकिन हाईकोर्ट में उसमें मृतका की मां को दस लाख रुपए देने, पुलिस का सहयोग करने समेत अन्य कई शर्त लगा दी हैं। जिसका अनुपालन न करने पर उनकी बेल खारिज करने की चेतावनी दी गई है। बताते चले कि इससे पहले हत्यारोपी पीयूष के परिजन अंतरिम बेल पर रिहा चल रहे थे।

वांछित चल रहे थे

ज्योति हत्याकांड में हत्यारोपी पीयूष समेत पांच आरोपी गिरफ्तारी के बाद से जेल में हैं, जबकि उसकी माशूका मनीषा समेत परिजन जमानत पर रिहा चल रहे हैं। इधर, ज्योति की मां मायादेवी ने हत्यारोपी पीयूष समेत उनके पिता ओम प्रकाश, मां पूनम, भाई मुकेश और भाभी रिंकी के खिलाफ जबलपुर में अमानत में खयानत का मुकदमा दर्ज कराया था। उन्होंने पीयूष और उसके घर वालों पर बेटी के जेवर, पासपोर्ट, मार्कशीट समेत अन्य कागजात हड़पने का आरोप लगाया है। इस मुकदमे की सुनवाई जबलपुर में चल रही है। इसमें पीयूष के परिजन वांछित चल रहे थे। इसमें पुलिस ने उनका वारण्ट जारी कराकर कुर्की की कार्रवाई शुरू कर दी। जिसका पता चलते पर परिजनों ने हाईकोर्ट में अर्जी दाखिल कर अंतरिम बेल हासिल कर ली थी।

पुलिस के बुलाने पर पहुंचना होगा

सोमवार की हाईकोर्ट में बेल पर सुनवाई हुई, जिसमें हाईकोर्ट ने दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद आरोपियों को बेल तो दे दी, लेकिन उसमें शर्त लगा दी। जमानत में आरोपियों को वादी यानि ज्योति की मां को दस लाख रुपए की चेक देने और बिना पुलिस की इजाजत के विदेश जाने में रोक लगा दी है। अब आरोपियों को विदेश जाने से तीन महीने पहले पुलिस को बताना होगा। इसके अलावा हाईकोर्ट ने आरोपियों को पुलिस का सहयोग करने का आदेश दिया है। हाईकोर्ट ने कहा कि पुलिस जब भी आरोपियों को बुलाएगी तो आरोपियों को जबलपुर पहुंचना होगा, वरना उनकी बेल खारिज कर दी जाएगी।