आई एक्सक्लूसिव

-प्रदेश में परिवहन विभाग ने पुरानी गाडि़यों के नंबर फिर से जारी करने की योजना बनाई

-परिवहन विभाग में पुरानी गाड़ी का अभिलेख और 25 हजार रुपए कराने होंगे जमा

kanpur@inext.co.in

KANPUR : अब जल्द ही आप अपनी नई गाड़ी पर पचास साल पुराना गाड़ी नंबर भी लगा सकेंगे और शहर की सड़कों पर शान से चल सकेंगे। प्रदेश में परिवहन विभाग ने पुरानी गाडि़यों के नंबर फिर से जारी करने की योजना बनाई है। इसके तहत उन गाडि़यों के नंबर नई गाडि़यों के लिए जारी किए जाएंगे। जिनका इस्तेमाल नहीं हो रहा है। रेट्रो नंबर के लिए आपके पास पहले से ही नंबर होना चाहिए। इसके लिए आपको परिवहन विभाग में पुरानी गाड़ी का अभिलेख और 25 हजार रुपए जमा कराने होंगे। दिल्ली की तर्ज पर यूपी में भी परिवहन विभाग ने इस योजना को मंजूरी दे दी है।

देने होंगे मालिकाना हक के कागजात

वाहन स्वामी को इस बात का ध्यान रखना होगा कि जिस पुरानी गाड़ी का नंबर वह लेना चाह रहा है, वह संचालन में न हो। इसके लिए वाहन स्वामी को पुरानी गाड़ी से संबंधित अभिलेख परिवहन विभाग को देना होगा। परिवहन अधिकारी कागजात की जांच में इस बात का विशेष ध्यान देंगे कि वाहन स्वामी जिस नंबर को अपना बता रहा है। वह सही में उसका रहा है या फिर और किसी का। बता दें कि पुरानी गाडि़यों के नंबर आवंटित करने की शुरुआत सबसे पहले दिल्ली परिवहन विभाग ने की थी। पुरानी गाड़ी का रिकॉर्ड और 25 हजार रुपए परिवहन विभाग में जमा करने के बाद वाहन स्वामी को उसके पसंद का नंबर जारी कर दिया जाएगा।

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लौटेगा नंबरों का पुराना जमाना

रेट्रो नंबर का रजिस्ट्रेशन मिलने के बाद पुराना जमाना लौट आएगा। परिवहन अधिकारियों का मानना है कि आज से 40 से 50 साल पहले के वाहनों के नंबरों का भी अलग क्रेज है। विंटेज गाडि़यों के इन ऐतिहासिक नंबरों की भी एक अलग दीवानगी है। जो नंबर जितना पुराना होता है, उसका क्रेज उतना ही ज्यादा होता है। सिर्फ 2 अल्फाबेट व 3 न्यूमेरिकल डिजिट के नंबर किसी वीआईपी नंबर से कम नहीं माने जाते हैं।

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पुरानी गाडि़यों के नंबर लेने की योजना शुरू होने वाली है। वाहन स्वामी 50 साल पुराने नंबर भी अपनी नई गाडि़यों के लिए ले सकते हैं।

-प्रभात पांडेय, एआरटीओ।