कानपुर (ब्यूरो) कानपुर अवैध निर्माणों का गढ़ बन चुका है। शहर का शायद ही ऐसा कोई हिस्सा बचा हो जहां अवैध निर्माण तना न खड़ा हो। बीते फाइनेंशियल ईयर तक कानपुर में अवैध निर्माणों की संख्या 12 हजार के करीब पहुंच चुकी है। यह वह संख्या है जो केडीए के कागजातों में दर्ज है। इससे कई गुना अधिक अवैध इमारतें शहर में तनी खड़ी हुई है। इसी वजह से कानपुर की गिनती अवैध निर्माणों के मामले में प्रदेश के तीन टॉप सिटी में होती है।

सेटिंग गेटिंग से चल रहा खेल
इनमें से ज्यादातर के नोटिस, सीलिंग और डिमॉलेशन ऑर्डर भी केडीए जारी हो चुके हैं। बावजूद इसके ज्यादातर बिल्डिंग केडीए इम्प्लाइज के सेटिंग-गेटिंग फार्मूले के बल पर तन चुकी है। सेटिंग-गेटिंग के कारण जिम्मेदार इम्प्लाइज ने अवैध निर्माणों का न तो डिमॉलेशन किया और न ही कम्पाउंडिंग कराई। इससे अवैध निर्माण करने वालों के हौसले बुलन्द हैं। वह बिल्डिंग सील होने के बावजूद अवैध रूप से बिल्डिंग तानते जा रहे हैं।

नक्शा तक नहीं पास
ऐसा नहीं इन अवैध निर्माणों में केवल वह बिल्डिंग ही शामिल हैं, जिनके मैप पास हैं। सैकड़ों बिल्डिंग ऐसी बन चुकी हैं जिनका मैप भी पास नहीं कराया गया है। हाल ये है कि 50-50 स्क्वॉयर मीटर एरिया में खतरनाक ढंग से 7-7 मंजिला बिल्डिंग तान दी गईं। कुछ समय पहले चमनगंज और कर्नलगंज में ऐसी बिल्डिंग में दरार तक पड़ चुकी है। चमनगंज में तो एक अवैध बिल्डिंग एक साइड झुक तक गई थी। ये जरूर है कि केडीए एनफोर्समेंट टीम के इम्प्लाइज ने कार्रवाई से अपनी गर्दन बचाने के लिए फाइलों में नोटिस, सीलिंग और ध्वस्तीकरण आदेश जारी करा दिए हैं। बाद में इन आदेशों को उन्होंने फाइलों में कैद करके रख दिया। अवैध निर्माण को रोकने की कोशिश भी नहीं की। केडीए के पीआरओ एसबी राय ने बताया कि अवैध निर्माण व विकास करने वालों के पिछले कई महीने से लगातार कार्रवाई की जारी है।

इन इलाकों में अवैध बिल्डिंग
साकेत नगर, श्याम नगर, आर्य नगर, चमनगंज, बेकनगंज, बासमंडी, नई सड़क, मनीराम बगिया, अशोक नगर, हर्ष नगर, दामोदर नगर, जूही, शास्त्री नगर, गुमटी, दर्शनपुरवा, रतनलाल नगर, दबौली, फजलगंज, सिविल लाइंस, जाजमऊ, लालबंगला, किदवई नगर, काकादेव, निराला नगर आदि

31 मार्च, 2019 तक चिन्हित अवैध निर्माण--12714
2019 तक निस्तारित किए गए अवैध निर्माण-- 1927
2021-22 में चिंहित किए गए अवैध निर्माण-- 1261
2021-22 में अवैध निर्माणों की कम्पाउंडिंग -- 42
2021-22 में डिमालेशन आर्डर जारी हुए -- 55
2021-22 में अवैध निर्माण ध्वस्त किए गए--30
-- 11962 अवैध निर्माणों के मामले पेंडिंग हैं

ये होता है डिमालेशन से पहले का प्रॉसेज
-नगर योजना एवं विकास अधिनियम 1973 व यथा संशोधित के अंर्तगत धारा 27, 28 के अंर्तगत कार्रवाई केडीए करता है
-पहले कारण बताओ नोटिस, पुलिस को सूचना, निर्माण कार्य रोकने की नोटिस जारी की जाती है
-- निर्माण कार्य न रोकने पर केडीए की ओर से बिल्डिंग को सील कर दिया जाता है
- सीलिंग के बावजूद निर्माण कार्य जारी रखने व कम्पाउंडिंग न कराने पर बिल्डिंग को ध्वस्त कर दिया जाता है।