कानपुर (ब्यूरो) फजलगंज इलाके के गड़रियनपुरवा स्थित सरेस बाग में एसके इंडस्ट्रीज नाम से फैक्ट्री है। इसके मालिक दीपक कटारिया हैं। फैक्ट्री में साइकिल की सीट और पैडल बनाए जाते हैं। गुरुवार रात नाइट शिफ्ट के 19 लोग फैक्ट्री में काम कर रहे थे। सेकेंड फ्लोर पर दिनेश, मिथुन, बउवन, सूरज, बिन्नू आदि काम कर रहे थे। जबकि ग्राउंड फ्लोर पर शिवराजपुर के छतरपुर निवासी 21 साल का प्रदीप, 30 साल का नरेंद्र उर्फ दिन्नू सैनी और 50 साल के जय प्रकाश परिहार काम कर रहे थे। अन्य लोग फस्र्ट फ्लोर पर थे।

मेटल बॉक्स में आग
फैक्ट्री के ग्राउंड फ्लोर पर प्लास्टिक के दाने को पिघलाने के लिए ब्वायलर लगा हुआ है। यहां मैटेरियल को गलने में 15 से 20 ंिमनट लगते हैैंं। ग्राउंड फ्लोर पर काम कर रहे शिवराजपुर के छतरपुर निवासी 21 साल का प्रदीप उर्फ राजू, उन्नाव के झगरपुर बारासरवर निवासी 50 साल के जय प्रकाश परिहार और सचेंडी निवासी 30 साल का नरेंद्र उर्फ दिन्नू सैनी काम कर रहे थे। सुबह साढ़े चार बजे तीनों ने ब्वायलर में प्लास्टिक पिघलने के लिए डाली। टेम्प्रेचर सेट करके तीनों पास में पड़े दाने के बोरों की टेक लगाकर बैठ गए। इसी दौरान तीनों गहरी नींद मेें सो गए।

तड़प तड़प कर तोड़ा दम
आधे घंटे बाद यानी साढ़े चार बजे ब्वायलर की मोटर जाम हो गई। मशीन की गर्माहट के चलते शॉर्ट सर्किट हो गया और आग दाने में लग गई। गद्दी का फोम और दूसर ज्वलनशील पदार्थ होने की वजह से आग इतनी तेजी से फैली कि किसी को बाहर निकलने का मौका नहीं मिला। ऊपर की मंजिल पर मौजूद कर्मचारी आस पास की छतों में फांदकर भाग गए। फस्र्ट फ्लोर पर मौजूद कर्मचारी भी भाग कर बाहर आ गए। जबकि ग्राउंड फ्लोर पर तीनों वहीं फंस गए। आग की लपटों में फंसे इन तीन मजदूरों की तड़प-तड़प कर मौत हो गई। इनको बचाने में गौरव और मनोज गंभीर रूप से झुलस गए।

थिनर के ड्रम से धधकी आग
सूचना पर फजलगंज इंस्पेक्टर आशीष कुमार द्विवेदी और दूसरे पुलिस अधिकारी मौैके पर पहुंचे। एक-एक कर फायर ब्रिगेड की आठ गाडिय़ां भी मौके पर पहुंचीं और आग बुझाने का काम शुरू किया गया। पुलिस ने गौरव और मनोज को हैलट अस्पताल में भर्ती कराया, जहां देर रात तक उनकी हालत गंभीर बनी हुई थी। उन्हें आईसीयू में रखा गया है। फायर ब्रिगेड कर्मियों ने सात बजे आग पर काबू पा लिया, लेकिन ज्वलनशील पदार्थों में लगी आग 11 बजे तक सुलगती रही। सारा माल बाहर निकालने के बाद आग पूरी तरह से बुझाई गई। फायर ब्रिगेड टीम की प्राथमिक जांच में सामने आया है कि फैक्ट्री में थिनर भरा ड्रम रखा हुआ था। शॉर्ट सर्किट से आग लगते ही थिनर भरे ड्रम तक आग पहुंच गई। इसके चलते थिनर भरा ड्रम फट गया और फैक्ट्री को आग ने पूरी तरह अपनी चपेट में ले लिया।

मानक के विपरीत थी फैक्ट्री
सीएफओ ने बताया कि प्राथमिक जांच में सामने आया कि फैक्ट्री संचालक के पास अग्निशमन विभाग से किसी तरह की एनओसी नहीं ली गई थी। रिहायशी इलाका यानी रेजीडेंशियल इलाके में बने मकान में फैक्ट्री संचालित की जा रही थी। बाहर निकलने और आपातकालीन कोई रास्ता नहीं था। इसके चलते आग लगते ही सभी कर्मचारी फंस गए और 3 की मौत हो गई। बताते चलें कि लगभग 300 वर्ग गज में बनी एल शेप की इस फैक्ट्री की इंट्री बहुत संकरी है।

35 मिनट बाद अंदर जा पाए जवान
पुलिस कमिश्नर बीपी जोगदण्ड, जेसीपी आनंद प्रकाश तिवारी और डीएम विशाख जी खुद मौके पर पहुंचे। उन्होंने रेस्क्यू ऑपरेशन की जानकारी ली। इसके बाद हॉस्पिटल में घायलों का हाल लेने के लिए पहुंचे। आग इतनी तेज थी कि कोई अंदर नहीं जा पा रहा था। करीब 35 मिनट बाद पुलिस और दमकल के जवान अंदर पहुंच पाए। मजदूरों को रेस्क्यू करने का काम शुरू किया। इसमें 5 लोग गंभीर रूप से झुलस गए। 11 को सुरक्षित रेस्क्यू किया। आग से पूरी फैक्ट्री जल गई है। फायर ब्रिगेड की 8 गाडिय़ां मौके पर पहुंचीं और सुबह करीब 11 बजे आग बुझाई जा सकी। फजलगंज थाना प्रभारी आशीष द्विवेदी के मुताबिक, आग में गंभीर रूप से झुलसे जय प्रकाश, नरेंद्र उर्फ दिन्नू सैनी और प्रदीप उर्फ राजू की मौत हो गई। जिन 5 अन्य को अस्पताल में भर्ती कराया गया है, उसमें 3 मजदूरों की हालत गंभीर है।

4 बजे सुबह फैक्ट्री में शॉट सर्किट से आग
35 मिनट बाद पुलिस और फायर टीम पहुंची
19 मजदूर हादसे के वक्त फैक्ट्री में मौजूद थे
11 मजदूरों को फायर ब्रिगेड ने सुरक्षित बचाया
3 मजदूर आग में जिंदा जले, 5 बुरी तरह घायल
8 गाडिय़ां फायर ब्रिगेड की मौके पर पहुंचीं
11 बजे सुबह आग पर पाया जा सका काबू

-प्राथमिक जांच में सामने आया कि फैक्ट्री संचालक के पास अग्निशमन विभाग से किसी तरह की एनओसी नहीं ली गई थी।
- फैक्ट्री में आग से बचाव के पर्याप्त इंतजाम नहीं थे, दिखावे के लिए सिर्फ दो फायर एक्सिटिंग्यूसर लगे हुए थे
-रेजीडेंशियल इलाके में बने मकान में फैक्ट्री संचालित की जा रही थी। बाहर निकलने और आपातकालीन कोई रास्ता नहीं था।
-इसके चलते आग लगते ही सभी कर्मचारी फंस गए और 3 की मौत हो गई। 300 वर्ग गज में एल शेप की फैक्ट्री की इंट्री बहुत संकरी है।

मुआवजे का मरहम
देर शाम तक किसी की ओर से कोई तहरीर नहीं दी गई। वहीं फैक्ट्री की आग पूरी तरह से बुझ भी न पाई थी कि तीन मौतों पर मुआवजे का मरहम लगाने का प्रोसेस शुरू हो गया। फैक्ट्री मालिक के कारिंदे परिवार वालों से बात करते दिखाई दिए। हालांकि पुलिस का कहना है कि तहरीर मिलते ही कार्रवाई शुरू की जाएगी

आग में तीन लोगों की मौत हुई है। दो लोग गंभीर रूप से घायल हैं। कारखाने में फायर एक्सिटिंग्यूसर नहीं मिले हैैं। इसके अलावा कारखाना में मानकों का कहीं भी पालन नहीं किया गया था। नोटिस जारी कर कार्रवाई की जाएगी।
दीपक शर्मा, सीएफओ