कानपुर (ब्यूरो) नवाबगंज के गंगापुर में रहने वाले राजाराम वर्मा आईआईटी कानपुर में डिप्टी रजिस्ट्रार रह चुके थे। रिटायरमेंट के बाद वह वकालत करने लगे। कुछ दिन पहले ही उन्होंने कचहरी में अपना चेंबर भी बनाया था। घर में चार बेटियां विजय लक्ष्मी, सरस्वती, शारदा और भुवनेश्वरी के अलावा एक बेटा नरेंद्रदेव भी है। बेटे के मुताबिक शाम 7.30 के करीब पिता घर के बाहर खड़े थे। इसी दौरान उन्हें गोली चलने की आवाज सुनाई दी तो वह बाहर निकले। उनके पिता गेट के पास लहूलुहान हालत में पड़े थे। मौके पर मौजूद लोगों ने जानकारी दी कि दो बाइक सवार युवकों ने राजाराम वर्मा को किसी काम से पास बुलाया था। उनके पास आते ही उनकी कनपटी पर गोली मार दी। उसके बाद भाग निकले। परिजन पहले उन्हें लेकर मधुराज अस्पताल गए। उसके बाद रीजेंसी लेकर पहुंचे। जहां डॉक्टर्स ने उन्हें मृ़त घोषित कर दिया।


जमीन का विवाद
बेटे नरेंद्र देव के मुताबिक उनके पिता का मैनावती मार्ग पर एक बड़ी टाउनशिप डेवलप कर रहे डेवलपर से 2007 से 17 बीघा जमीन को लेकर विवाद चल रहा था। बेटे नरेंद्र देव ने उन्हीं पर पिता की हत्या कराने का आरोप लगाया है। वहीं घटना की जानकारी पर बार एसोसिएशन के महामंत्री राकेश तिवारी अस्पताल पहुंचे। पुलिस ने रात में ही पोस्टमार्टम कराने के लिए कहा जिस पर परिजन राजी हो गए। मालूम हो कि राजाराम वर्मा पर अनियमितताओं के कई आरोप लगे थे। जिसमें वह जेल भी जा चुके थे।