कानपुर(ब्यूरो)। कल्याणपुर थानाक्षेत्र के लखनपुर में पूर्व सपा एमएलसी दिलीप उर्फ कल्लू यादव के भतीजे ने बड़े भाई की लाइसेंसी रिवाल्वर से गोली मारकर जान दे दी। गोली का आवाज सुन पूजा कर रही मां ने शोर मचाया तो घर में मौजूद लोगों ने दरवाजा तोड़ा। अंदर 19 साल के बेटे का शव देख परिवार में कोहराम मच गया। परिजन युवक को लेकर सर्वोदय नगर स्थित निजी अस्पताल पहुंचे, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। फॉरेंसिक टीम और थाना पुलिस ने मौके पर पहुंचकर इविडेंस कलेक्ट किए।

प्रॉपर्टी डीलिंग का काम
लखनपुर निवासी शिवम यादव के परिवार में मां रेखा, बहन सौम्या और 19 साल का छोटा भाई आलोक यादव थे। 8 साल पहले शिवम के पिता सुभाष यादव ने गोली मारकर आत्महत्या कर ली थी। शिवम के चाचा दिलीप यादव उर्फ कल्लू यादव सपा नेता व पूर्व एमएलसी हैं। दिलीप का घर विकास नगर में है। शिवम ने बताया कि उनका प्रापर्टी डीलिंग का काम है। शुक्रवार दोपहर मां रेखा पूजा कर रही थीं। छोटा भाई आलोक घर पर था। शनिवार को उसे काशी विश्वनाथ के दर्शन करने वाराणसी जाना था। घर के ऊपरी मंजिल पर आलोक ने दोपहर 2 बजे लाइसेंसी रिवाल्वर से गोली मारकर आत्महत्या कर ली।

दीवार पर खून के छींटे
शिवम के मुताबिक उनके पिता अधिवक्ता थे। उनके नाम पर रिवाल्वर थी। इसी रिवाल्वर से 8 साल पहले उसके पिता ने भी आत्महत्या कर ली थी। जिसके बाद उसने रिवाल्वर अपने नाम करा लिया था। इसी रिवाल्वर से छोटे भाई ने जान दे दी। जांच करने पहुंची फोरेंसिक टीम ने घटनास्थल से रिवाल्वर बरामद की है। पूरी दीवार पर खून के छींटे छितराए हुए थे, जिससे साफ पता चल रहा है कि आलोक ने जब खुद को गोली मारी तो उसके हाथ कांप रहे थे। टीम ने आलोक का मोबाइल भी कब्जे में ले लिया है, जिससे उसकी जान देने की वजह तलाशी जा रही है।

लाइसेंस कैंसिल हुआ होता तो न जाती जान
जिस रिवाल्वर से आलोक ने गोली मारकर जान दी है। उसी रिवाल्वर से पिता सुभाष यादव ने भी गोली मारकर जान दी थी। सवाल ये उठता है कि इस तरह की वारदात में थाना पुलिस डीएम को रिपोर्ट देती है। इस रिपोर्ट को संज्ञान में लेकर डीएम लाइसेंस निरस्त करते हैं। लेकिन तत्कालीन डीएम ने इस लाइसेंस को क्यों कैंसिल नहीं किया? मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक जब सुभाष यादव ने जान दी थी, वहां दो कारतूस के खोखे पड़े मिले थे, जबकि आत्महत्या में केवल एक कारतूस ही इस्तेमाल होता है। उस समय सपा की सरकार थी और रसूख के चलते मामला दबा दिया गया था। अगर उस समय लाइसेंस कैंसिल हो जाता तो शायद आलोक की जान न जाती।

बड़े भाई शिवम की लाइसेंसी रिवॉल्वर से आलोक ने कनपटी में गोली मारकर आत्महत्या की है। फॉरेंसिक टीम ने रिवॉल्वर को जांच के लिये कब्जे में लिया है। घटनास्थल पर कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है। परिजन भी आत्महत्या की वजह नहीं बता पा रहे हैं।
- मुहम्मद अकमल खां, एसीपी कर्नलगंज