अमरीका के इतिहास में एकांत कारावास की सज़ा की ये सबसे लंबी अवधि मानी जाती है। हरमन वॉलेस और एलबर्ट वुडफ़ॉक्स को सत्तर के दशक में डकैती के मामले में सज़ा हुई थी। जब वे जेल में थे तब उन्हें जेल के एक गार्ड, ब्रेंट मिलर की हत्या का दोषी भी पाया गया जिसके बाद उन्हें एकांत कारावास में रखा गया।

'अंगोला थ्री'

ये दोंनो ग्रामीण लुइसियाना में स्थित उस राजकीय जेल में कैद हैं जो अंगोला जेल के नाम से जाना जाता है। जेल का ये नाम इसलिए पड़ा क्योंकि जेल बनने से पहले यहां एक बड़ा खेत था जिसपर अफ़्रीका के अंगोला से लाए गए गुलाम काम करते थे। वॉलेस और वुडफ़ॉक्स के वकीलों की दलील है कि एकांत कारावास असुरक्षित है।

न्यू ऑरलींस में वकील निक ट्रेंटिकॉस्टा कहते हैं कि ये सज़ा नहीं होनी चाहिए थी। उनका कहना है कि पहले तो सारे सबूत उस कैदी की गवाही पर निर्भर थे जिससे वॉलेस और वुडफ़ॉक्स का नाम लेने की बदले में गुप्त रूप से रिहाई का वादा किया था। निक ट्रेंटिकॉस्टा का कहना है कि इसमें कोई संदेह नहीं है कि इस मामले में अन्याय हुआ है।

उनका कहना है, "इस व्यक्ति को उसकी गवाही के लिए ईनाम मिला, ख़ास बात ये है कि उससे वादा किया था कि उसे छोड़ दिया जाएगा। हमें वारदात वाली जगह पर जो उंगलियों के निशान मिले जो एलबर्ट और हर्बर्ट, दोंनो की ही उंगलियों के निशान से नहीं मिलते। इतना ही नहीं, इन दोंनो के पास इस बात का भी सबूत है कि हत्या वाली सुबह वे कहां थे। हमें यक़ीन है कि हम जानते हैं कि हत्यारा कौन है। लेकिन अब वो व्यक्ति ज़िंदा नहीं है."

वॉलेस और वुडफ़ॉक्स की कहानियां अनोखी हो सकती हैं लेकिन वो असामान्य नहीं हैं। लुइसियाना में अमरीका के बाकी राज्यों की तुलना में कैद की दर कहीं ज़्यादा है और ये राज्य लंबी अवधि के एकान्त कारावास के मामले में भी सबसे आगे है।

इन दोंनो के अलावा एक और कैदी, रॉबर्ट किंग ने भी इस जेल में 31 साल में से 29 साल, हर रोज़ कम-से-कम 23 घंटे एकांत कारावास में बिताए जिसके बाद 2001 में उन्हें रिहा कर दिया गया। रॉबर्ट, वॉलेस और वुडफ़ॉक्स, ये तीनों, अंगोला थ्री के नाम से मशहूर हैं।

किंग कहते हैं, "अंगोला थ्री के नाम से मशहूर तीन कैदियों में से सिर्फ़ मैं ही हूं जो जेल से रिहा हुआ। मैं 8 फ़रवरी 2001 को जेल से छूटा। मुझे एक ऐसे अपराध की सज़ा मिली जो मैंने नहीं किया था। मैंने जेल में 31 साल बिताए जिनमें से 29 साल एकान्त कारावास में थे। एकान्त कारावास बहुत ही बुरा और दर्द भरा अनुभव होता है."

ये तीनों ही लंबे समय से चल रहे अंतरराष्ट्रीय आंदोलन के केंद्र में हैं। कुल मिलाकर ये तीनों एकांत कारावास में सौ साल से ज़्यादा बिता चुके हैं। तीनों का ही कहना है कि उन्हें ऐसे अपराधों के लिए सज़ा मिली जो उन्होंने नहीं किए थे।

एकांत कारावास कितनी जायज़

अंगोला जेल के अधिकारी और न ही राज्य के एटोर्नी जनरल न तो वुडफ़ॉक्स और वॉलेस के मामले और न ही एकांत कारावास की सज़ा के बारे में बीबीसी से बात करने को तैयार थे। लेकिन इस बारे में अंगोला जेल के सबसे पास के शहर, सेंट फ़्रांसिसविल के पुलिस प्रमुख हैं स्कॉट फो़र्ड की सोच बिल्कुल साफ़ है।

वे कहते हैं, "मुझे इस बात में कोई बुराई नहीं लगती कि किसी और व्यक्ति की जान लेना वाला व्यक्ति को दिन में सिर्फ़ एक घंटे के लिए सूरज की रोशनी देखने को मिले। बल्कि मैं तो उन लोगों में से हूं जो ये कहेंगे कि इस एक घंटे में से भी अगर कुछ मिनट और कम कर दिए जाएं, तो और भी अच्छा है."

लेकिन इस तरह की सोच का विरोध बढ़ रहा है। पहली बात तो ये कि लंबी अवधि के एकान्त कारावास पर काफ़ी खर्चा आता है। और दूसरा, लुइसियाना सुप्रीम कोर्ट के पूर्व मुख्य न्यायाधीश, पास्कल कालोगेरो, के मुताबिक, ये सज़ा ग़ैरक़ानूनी है।

वो कहते हैं, "मुझे यकीन है कि कैदियों और जेल प्रशासन की सुरक्षा, कुछ समय के एकान्त कारावास की वजह हो सकती है और ये वैध भी होगा। लेकिन मैं मानता हूं कि लंबे समय तक एकान्त कारावास ग़ैरक़ानूनी है." लंबी अवधि की एकांत कारावास की सज़ा की वैधता को चुनौती देना तो भविष्य का मुद्दा है।

लेकिन फ़िलहाल तो इस महीने जहां एक ओर जेल के गार्ड ब्रेंट मिलर की मौत की चालीसवी बरसी है वहीं इसी महीने चालीस साल पहले हरमन वॉलेस और एलबर्ट वुडफॉक्स ने एकांत कारावास में अपने जीवन की शुरुआत की थी।

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