- रेलवे में नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी करने वाला फ्रॉड गैंग दिल्ली में भी था एक्टिव

- गैंग का सरगना रुद्र प्रताप दिल्ली में बुला देता था ज्वाइनिंग लेटर और फर्जी आईकार्ड

KANPUR। रेलवे में टीसी व पार्सल पोर्टर में फर्जी तैनाती कर ठगी करने वाले गैंग का एक ऑफिस दिल्ली में भी था। जिससे उनके जाल में फंसने वाले युवक को भरोसा हो जाए कि 5 से 10 लाख रुपए देने के बाद रेलवे में उनकी नौकरी पक्की है। इस बात की जानकारी जीआरपी को देहरादून में पकड़े गए गैंग के एक गुर्गे मोहित ने दी।

मोहित ने बताया की वह भी रेलवे में नौकरी दिलाने के नाम पर गैंग के जाल में फंसा था। उसने दो बार में 40 हजार दिए थे। फिर चेक से एक लाख रुपए दिए थे। जब उसको ठगी का अहसास हुआ तो अपना पैसा निकालने के लिए व गैंग में शामिल हो गया। इसके बाद उसने 8 से 10 युवक फंसाकर गैंग के सरगना रुद्र प्रताप ठाकुर को दिए थे। इसमें कुछ हिस्सा उसको भी मिला था।

पीआरओ बनाकर मिलाते थे

जीआरपी सोर्सेस के मुताबिक ट्यूजडे को देहरादून से पकड़े गए गैंग के सदस्य मोहित ने पूछताछ के दौरान कई सुराग खोले हैं। उसने बताया कि युवकों को फंसा कर दिल्ली ले जाया जाता था। जहां स्टेशन पर ही गैंग के एक सदस्य को डीआरएम का फर्जी पीआरओ बनाकर मिलाया जाता था। जिसके पास डीआरएम के फर्जी हस्ताक्षर व ज्वाइनिंग का लेटर पैड होता था। फर्जी ज्वाइनिंग लेटर मिलते ही युवक बिना सोचे समझे एकाउंट में 'घूस' की पहली किस्त डाल देते थे। जीआरपी इंस्पेक्टर अजीत कुमार ने बताया कि मोहित को वेडनेसडे को जेल भेज दिया गया।