- एक अप्रैल से शुरू हो रहे नए फाइनेंशियल ईयर में टैक्सपेयर्स को मिलेगी कई नई सुविधाएं, कुछ देंगी राहत तो कुछ बढ़ाएंगी मुश्किलें

- पीएफ से लेकर टीडीएस और इंकम टैक्स के नियमों में लागू होंगे बदलाव, जीएसटी से जुड़े कई नियमों में किया बदलाव

KANPUR: नया फाइनेंशियल ईयर एक अप्रैल से लागू हो जाएगा। इसी के साथ आम बजट में की गई घोषणाएं भी लागू होंगी। खासतौर से टैक्स को लेकर कई बदलाव से टैक्सपेयर रूबरू होंगे। कुछ बदलावों से उन्हें राहत मिलेगी तो कुछ से मुश्किलें बढ़ेगी। डायरेक्ट टैक्सेस में होने वाले इन ज्यादातर बदलावों का सीधा असर टैक्सपेयर पर पड़ेगा। जबकि कुछ बदलाव इनडायरेक्ट टैक्सेस यानी जीएसटी से जुड़े हैं। इनमें से कई बदलावों को लेकर व्यापारी और उद्यमी वर्ग पहले ही विरोध में खड़ा है। हालांकि डायरेक्ट टैक्सेस में हुए बदलावों में टैक्सपेयर्स को सुविधा ज्यादा मिलेगी।

इन छह बदलावों के लिए हो जाएं तैयार-

प्री फिल्ड आईटीआर- इंडीविडजुअल टैक्सपेयर्स को इंकम टैक्स रिटर्न भरने में आसानी हो इसके लिए अब उनके पास प्री फिल्ड आईटीआर का ऑप्शन होगा। इसमें उन्हें पहले से भरा हुआ आईटीआर फार्म मिलेगा। जिसमें एसेसी के कैपिटल गेन, बैंक इंटरेस्ट, डिविडेंड, इंकम और सैलरी से रिलेटेड जानकारी होगी। इसे सिर्फ वैरीफाई कराकर फाइल कराना होगा।

न्यू टैक्स रिजीम-

इसकी घोषणा फरवरी 2020 के बजट में की गई थी, लेकिन कोरोना पैडेमिक की वजह से इसका इंप्लीमेंटेशन ठीक से नहीं हुआ। वहीं इस बार से नई टैक्स रिजीम में अब टैक्सपेयर को अपना टैक्स जमा करने के लिए दो विकल्प मिलेंगे। जिनमें से किसी एक विकल्प को चुनने पर उन्हें अलग अलग तरह की टैक्स की दर और छूट मिलेगी। नई रिजीम में सेक्शन 80 की अलग अलग धाराओं के तहत मिलने वाली छूट कम होगी। जबकि इसमें टैक्स की दरे भी पुरानी टैक्स स्कीम से कुछ अलग होंगी।

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एलटीसी क्लेम बेनिफिट- इसका फायदा सैलरीड क्लास को मिलेगा। जिन्होंने कोरोना पैनडेमिक के दौरान एलटीसी टैक्स बेनिफिट नहीं लिया। वह अपने आईटीआर में इसमें एलटीसी एक्जम्प्शन क्लेम कर इसमें उन्हें एलटीसी वाउचर स्कीम का खर्च दिखाना होगा।

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पीएफ के इंटरेस्ट पर टैक्स- अगर आप अपने पीएफ खाते में सालाना 2.5 लाख से ज्यादा रुपए का कांट्रीब्यूशन करते हैं। तो अब 1 अप्रैल के बाद से उस रकम पर मिलने वाले इंटरेस्ट पर टैक्स देना होगा। अभी तक इस पीएफ के इंटरेस्ट पर टैक्स नहीं लगता था।

भरना होगा दो गुना टीडीएस-

नए फाइनेंशियल ईयर में टीडीएस में दो नई धाराएं लागू होंगी। सेक्शन 206 एबी और सेक्शन 206सीसीए लागू होने के बाद अगर समय पर टैक्स फाइल नहीं करते हैं तो इस धारा के तहत उन्हें दो गुना टीडीएस भरना पड़ेगा। साथ ही उन्हें टीसीएस (टैक्स कलेक्शन एट साेर्स)भी पेएबल होगा।

सीनियर सिटीजंस को आजादी-

इस साल के बजट में 75 साल से ज्यादा उम्र के बुजुर्गो को आईटीआर फाइल करने से छूट देने की घोषणा की गई थी। जोकि नए फाइनेंशियल ईयर से लागू हो जाएगी। इसमें सिर्फ पेंशन से होने वाली इंकम की एग्जम्ट होगी। अगर कैपिटल गेन या डिविडेंट से किसी तरह की इंकम टैक्सेबल स्लैब में आती है तो उसके लिए आईटीआर फाइल करना होगा।

पर्सनल टैक्सेस में नए बदलाव लागू होंगे। प्री फिल्ड आईटीआर का ऑप्शन इंडिविजुअल टैक्सपेयर को मिलेगा। जिससे उसे आईटीआर फाइल करने में आसानी होगी।

- शिशिर शुक्ला, सीए

टीडीएस में दो नई धाराएं लागू होंगी। साथ ही रिटर्न फाइल करने में देरी पर टीसीएस भी पेअबल होगा। देरी पर दो गुना टीडीएस भी जमा करना पड़ सकता है।

- दीप मिश्र,वरिष्ठ टैक्स सलाहकार