ऐसा लगता है कि शहर के यूथ की उम्र को किसी की बुरी नजर लग गई है। एक लेटेस्ट रिसर्च के रिजल्ट तो ऐसा ही कहते हैंं। लगभग बीस हजार से ज्यादा यूथ पर किए इस रिसर्च के अनुसार सिटी के ज्यादातर युवा अपनी मौजूदा उम्र की तुलना में 15 से 20 साल ज्यादा की उम्र जी रहे हैं। यानि, एक ऐसा यूथ जिसकी वास्तविक उम्र अगर तीस साल है, उसका शरीर 45 साल से ऊपर का हो चुका है। एक्सपट्र्स के मुताबिक कम उम्र में ही हार्ट डिजीज, स्ट्रोक, डायबिटीज, अस्थमा, ऑर्थराइटिस जैसी गंभीर बीमारियों के पीछे शरीर की उम्र का ज्यादा होना भी एक कारण है। आखिर क्यों और कैसे बॉडी की उम्र किसी की वास्तविक उम्र से ज्यादा हो जाती है, इसके लिए आई नेक्स्ट ने एक्सक्लूसिव पड़ताल की।

कैसे हुआ रिसर्च

सिटी के एक न्यूट्रिशियन सेंटर द्वारा शहर के यूथ पर किए गए इस रिसर्च का आधार बीएमआर (बेसल मेटाबोलिक रेट), बीएमआई (बॉडी मास इंडेक्स), बॉडी फैट और एबडॉमिनल फैट को मेजर करना था। इनसे मिले डेटा को फिर स्टैंडर्ड स्केल से मैच कराया गया। ये स्केल इंटरनेशनल स्टैंडर्ड से सिंक्रोनाइज की गई थी। इसके बाद रिजल्ट डिक्लेयर किए गए कि आखिर किसी पर्टिकुलर पर्सन की बॉडी की एज उसकी रियल एज से कितनी ज्यादा है। जहां बीएमआर की बेसिस पर लगभग 70 परसेंट लोगों की बॉडी एज काफी ज्यादा आई, वहीं बॉडी-मास इंडेक्स यानि बीएमआई के आधार पर लगभग 50 परसेंट से ज्यादा ओवरवेट की कैटेगरी में आए।

ज्यादा बीएमआर यानि

डॉक्टर्स के मुताबिक बॉडी का मेटाबॉल्जिम सिस्टम ओबेसिटी के लिए एक बड़ा फैक्टर होता है। किसी भी व्यक्ति का मोटापा उसके बेसल मेटाबॉलिक रेट (बीएमआर) पर डिपेंड करता है। या यूं कहें कि किसी के मोटापे को मापने के लिए बीएमआर एक मैथेमैटिकल पैमाना होता है। एक्सपट्र्स का मानना है कि अलग-अलग ह्यूमन बॉडी की कन्जमप्शन कैपेसिटी भी डिफरेंट होती है। इसलिए जरूरी नहीं है कि जो व्यक्ति ज्यादा खाता है वो मोटा होगा और जो कम खाता है वो पतला।

ज्यादा बीएमआई है खतरनाक

बीएमआई यानि बॉडी मास इंडेक्स किसी की हाइट के अकॉर्डिंग वेट के बैलेंस के आधार पर डिक्लेयर किया जाता है। ज्यादा बीएमआई का मतलब होता है कि बॉडी एक्चुअली आपके वेट को सह नहीं पा रही है। इसके फलस्वरूप शरीर के वाइटल ऑर्गंस, जिनमें बोंस और ज्वॉइंट्स भी शामिल हैं, वो धीरे-धीरे कमजोर होते जाते हैं। और फाइनली ह्यूमन बॉडी की उम्र उसकी वास्तविक उम्र से ज्यादा होती जाती है।

इन बीमारियों का बढ़ जाता है खतरा

-हार्ट डिजीज

-स्ट्रोक

-टाइप टू डायबिटीज

-हाई ब्लड प्रेशर

-सर्टेन टाइप ऑफ कैंसर - ब्रेस्ट, कोलोन और प्रोस्टेट

-ऑर्थराइटिस

-अस्थमा

-स्लिप अप्निया

-डिप्रेशन एंड शॉर्टेंड लाइफ एक्सपेक्टेंसी

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फॉर योर इनफॉर्मेशन

बीएमआर : बेसल मेटाबोलिक रेट इस बात को इंडीकेट करता है कि एक व्यक्ति एक दिन में कितनी कैलोरी बर्न कर रहा है। क्योंकि स्टैंडर्ड से कम कैलोरी बर्न करने पर बॉडी में एक्स्ट्रा फैट फ्रीज होता जाता है। जो आगे चलकर मोटापे को जन्म देता है। इससे बॉडी की एज, नॉर्मल एज से ज्यादा हो जाती है।

बीएमआई: बॉडी मास इंडेक्स बेसिकली शरीर के वेट का उसकी हाइट (हाइट का स्क्वॉयर) के साथ प्रपोर्शन का मेजरमेंट होता है। बीएमआई का एक सर्टेन रेंज में होना बेहद इंपॉर्टेंट है। फिक्स्ड रेंज से ज्यादा या कम बीएमआई, दोनों ही खतरनाक हो सकते हैं।

ताकि न बढ़े आपकी बॉडी की उम्र

शरीर की उम्र न बढ़े, इसके लिए सर्टेन रूल्स को फॉलो किया जाना जरूरी है। बीएमआर और बीएमआई के प्वॉइंट ऑफ व्यू से देखें तो इसे आसानी से समझाया जा सकता है

बीएमआर स्टैंडर्ड:

-युवक को एक दिन में उसकी बॉडी द्वारा कंज्यूम की गई कैलोरी में से 1800 या उससे ज्यादा कैलोरी बर्न करनी चाहिए।

-महिला को एक दिन में उसकी बॉडी द्वारा कंज्यूम की गई कैलोरी में से 1600 या उससे ज्यादा कैलारी बर्न करनी चाहिए।

बीएमआई : बॉडी मास इंडेक्स - स्टैंडर्ड

बिलो 18.5  --- अंडरवेट

18.5 - 24.9 ---   नार्मल

25 - 29.9  ---- ओवरवेट

एबव 30  -----   ओबेस

समय से पहले बुढ़ापा आने की वजह

-फिजिकल एक्टिविटी का पूरी तरह से खत्म होना

-मॉडर्न हेक्टिक लाइफ स्टाइल

-अनबैलेंस्ड डाइट

-पूरी नींद न लेना

-ज्यादातर वक्त टीवी या फिर कंप्यूटर सिस्टम के सामने बैठे रहना

-जरूरत से ज्यादा एक ही पोश्चर में बैठे रहकर काम करना

क्या करें

फिजिकल एक्टिविटी- अपनी लाइफ में फिजिकल एक्टिविटी को जगह दें, जरूरी नहीं है कि इसके लिए जिम ज्वाइन किया जाए। आप अपने फ्लैट तक पहुंचने के लिए लिफ्ट की जगह स्टेयर्स का यूज कर सकते हैं। कैलोरी बर्न करने के लिए आप छोटे बच्चे के साथ आउट डोर गेम खेल सकते हैं। जहां मुनासिब हो वहां व्हीकल के बजाय पैदल चल सकते हैं।

रेगुलर लाइफस्टाइल- बॉडी को फिट रखने के लिए लाइफस्टाइल को रेगुलर करना जरूरी है। हर चीज के लिए एक समय निर्धारित करना चाहिए। एक व्यक्ति को अपने सुबह उठने से लेकर रात में सोने तक का टाइम फिक्स करना चाहिए। इस चार्ट के अनुसार ही काम करना चाहिए।

बैलेंस डाइट- अगर अपनी एज के साथ ही लाइफ को एंज्वॉय करना चाहते हैं तो अपनी डाइट पर कंट्रोल करना चाहिए। बैलेंस डाइट ही आपको सभी बीमारियों से दूर रख सकती है। किसी ने सच ही कहा है कि एक स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ मस्तिष्क का वास होता है। और स्वस्थ शरीर के लिए जरूरी है कि आपकी डाइट बैलेंस्ड हो।

भरपूर नींद- बॉडी और ब्रेन को फ्रेश रखने के लिए नींद बहुत इम्पार्टेंट होती है। एक व्यक्ति को कम से कम 6 घंटे की नींद जरूर लेनी चाहिए। जबकि किसी भी व्यक्ति के लिए एक आइडियल नींद 8 घंटे बताई गई है।

जितनी जरूरत हो उतना ही यूज करें गैजेट्स- हाईटेक गैजेट्स के यूज ने हमको बहुत ज्यादा आराम पसंद बना दिया है। हर काम बड़ी ही आसानी से और बिना फिजिकल एक्टिविटी के हो जाती हैं। लेकिन कहीं न कहीं ये नुकसानदायक हो रहा है। इसलिए इन गैजेट्स का यूज जरूरत से ज्यादा न करें।

"चाइल्डहुड ओबेसिटी सबसे ज्यादा खतरनाक होती है। बच्चों में मोटापा होने से आगे चलकर डायबिटिक होने के चांस बहुत बढ़ जाते हैं। बड़ी उम्र में होने वाले मोटापे को कंट्रोल करना आसान होता है। लेकिन कम उम्र का मोटापा कंट्रोल करने में बहुत मुश्किल होती हैं। क्योंकि बचपन में मोटापा होने की वजह से बॉडी के अंदर की सेल्स भी उसी रेशियो में बढ़ जाती हैं। जिन्हें बाद में छोटा नहीं किया जा सकता है."

- डॉ। एसी अग्रवाल, प्रेसीडेंट कानपुर डायबिटिक एसोसिएशन

केस स्टडी

नाम आकाश अरोड़ा, उम्र 30 साल

आकाश अपनी बॉडी एनालिसिस के लिए न्यूट्रिशियन सेंटर की रिसर्च का हिस्सा बने। मशीन को ऑपरेट कर रहे प्रणव ने आकाश से उनका नाम और हाइट पूछी। अपना नाम बताने के बाद आकाश ने 172 सेमी। हाइट बताई। इसके आद बॉडी एनालिसिस मशीन पर अपने दोनों पैर रख दिए। मशीन ने हार्डली एक मिनट में बॉडी एनालिसिस कर लिया। मशीन ने आकाश की बॉडी की जो सच्चाई बयां की उसे सुनकर आकाश शॉक्ड रह गया। आकाश का वेट 79.3 किग्रा। था, जिसे 66 से 70 किग्रा। होना चाहिए था। बॉडी फैट 29.6 निकला, जो वेरी हाई की कैटेगरी में आता है। आकाश का बीएमआर भी गड़बड़ था। वो दिन भर में सिर्फ 1719 कैलोरी बर्न करता है, जबकि उसे डेली 1800 या उससे भी ज्यादा कैलोरी बर्न करनी चाहिए। आकाश के बॉडी मास इंडेक्स बीएमआई ने तो उसे परेशान कर दिया। उसकी बीएमआई 26.8 निकली, जो ओवरवेट की कैटेगरी में है। अपना बॉडी एनालिसिस जानकर आकाश बेहद परेशान हो गया। फाइनल डायग्नोसिस के मुताबिक आकाश का शरीर 47 वर्ष की उम्र जी रहा था।

नाम रूचि टंडन, उम्र 31 साल

रूचि भी अपनी बॉडी एनालिसिस के लिए न्यूट्रिशियन सेंटर पहुंची। रूचि ने 156 सेमी। हाइट बताई। इसके बाद बॉडी एनालिसिस मशीन पर अपने दोनों पैर रखे। रूचि की बॉडी एनालिसिस का रिजल्ट भी चौंकाने वाला निकला। रूचि का वेट 65.6 किग्रा। था, जिसे 50 से 52 किग्रा। होना चाहिए था। बॉडी फैट 36.6 निकला, जो वेरी हाई की कैटेगरी में आता है। रूचि का बीएमआर भी गड़बड़ था। वो दिन भर में सिर्फ 1490 कैलोरी बर्न करती हैं, जबकि उन्हें डेली 1600 या उससे भी ज्यादा कैलेरी बर्न करनी चाहिए। रूचि के बॉडी मास इंडेक्स बीएमआई ने तो उन्हें परेशान कर दिया। उनकी बीएमआई 27.0 निकली, जो ओवरवेट की कैटेगरी में है। रूचि की बॉडी एज भी 46 ईयर आई।