कानपुर(ब्यूरो) । फेस्टिवल सीजन में जाम के झाम से जनता को बचाने के लिये पुलिस कई और बदलाव करने की तैयारी कर रही है। वहीं पुलिस कमिश्नर ने टाटमिल से घंटाघर तक पैदल चलकर इस रूट पर वाहनों का लोड देखा। पैदल चलने के बावजूद कई बार पुलिस अफसरों को ई रिक्शा और अन्य वाहनों की धमाचौकड़ी का सामना करना पड़ा। पुलिस कमिश्नर डॉ। आर के स्वर्णकार सोमवार को अचानक घंटाघर पहुंचे गये। हालांकि उनके आने की खबर ट्रैफिक विभाग और स्थानीय पुलिस को लग चुकी थी। इसलिए घंटाघर पर सडक़ घेर कर दुकान लगाने वालों को पुलिस खदेड़ चुकी थी।

सीसीटीवी कैमरों का एक्टिवेशन देखा
यहां पहुंचे सीपी ने चौराहे का निरीक्षण करने के दौरान सर्विलांस कैमरों को देखा। डीसीपी ट्रैफिक से कहा कि टाटमिल की तरफ से आने वाले वाहन पुल पर फंसते है इसके लिये आटो स्टैंड और ई बसो समेत सिटी बसों को सडक़ किनारे न रूकने दे। यहां से सीपी पैदल ही टाटमिल तक गये। यहां भी ट्रैफिक जाम की समस्या आंखों से देखी। ट्रैफिक सिग्नल में टाइमिंग लोड के हिसाब से बढ़ाने को कहा। इस बीच झकरकटी के पास कई बसे किनारे सवारी भर रही थी तो कई रिक्शे वाले आधी सडक़ घेरे थे। पुलिस को देखकर सभी भाग खड़े हुए। सीपी ने सख्त निर्देश दिये कि सडक़ के किनारे वाहनों को न खड़ा होने दें क्योंकि जाम की सबसे बड़ी समस्या यही है। इस दौरान डीसीपी ट्रैफिक सलमान ताज पाटिल, डीसीपी पूर्वी, समेत थाने की फोर्स मौजूद रही।