गुरूवार को गू काईलाई के खिलाफ मुकदमे की कार्यवाही चली थी जिसका फैसला आना अभी बाकी है। शिन्हुआ के मुताबिक, गू काईलाई का कहना है कि अपने बेटे को जोखिम में देखकर उन्होंने अपना मानसिक संतुलन खो दिया था। उन्होंने कहा कि वो ''सजा को स्वीकार करेंगी और उसका सामना करेंगी.''

गू काईलाई ने अपने बयान में कहा, ''पिछले साल नवम्बर में जब मैंने अपने बेटे को जोखिम में देखा तो मेरा मानसिक संतुलन बिगड़ गया। मेरी वजह से एक हादसा हो गया। ये मामला ऐसा था जैसे मेरे ऊपर एक बड़ा पत्थर रख दिया गया हो जिसके नीचे मैं बीते आधे साल से दबी जा रही थी। अब जब मैं पीछे मुड़कर देखती हूं तो ये वाकई एक डरावने सपने जैसा लगता है.'' इस तरह की अपुष्ट खबरें आती रही हैं कि नील हेवुड के साथ कारोबारी समझौता बिगड़ जाने पर गू काईलाई के बेटे पर खतरा मंडरा रहा था।

काईलाई ने नहीं किया प्रतिवाद

नील हेवुड की हत्या के आरोप में गू काईलाई के खिलाफ चल रहा मुकदमा गुरूवार को दिन में ही समाप्त हो गया था। मुकदमे के बाद अदालत के एक अधिकारी ने संवाददाताओं को बताया था कि गू काईलाई ने अपने खिलाफ लगे इस आरोप का प्रतिवाद नहीं किया था कि उन्होंने बीते साल हेवुड की जहर देकर हत्या की थी।

काईलाई पर ज़ांग शियाओ जुन के साथ मुकदमा चलाया जा रहा था जिन्हें इस अपराध में उनका भागीदार बताया गया है।

मौत की सजा संभव

अभियोजन पक्ष का आरोप है कि गू काईलाई ने यह सुनिश्चित किया कि हेवुड ज़ांग के साथ बीजिंग से चौंगक्विंग जाएं। अभियोजन पक्ष के मुताबिक काईलाई ने इसके बाद हेवुड के साथ 13 नवंबर को नानशान लिजिंग हॉलिडे होटल में शाम बिताई और उनके साथ शराब और चाय पी। उसके बाद हेवुड ने बेसुध होने और उल्टी करने के बाद जब पानी माँगा तो काईलाई ने उनके मुँह में ज़हर डाल दिया जिसकी तैयारी उन्होंने पहले से ही कर रखी थी।

पूरे मुकदमें के दौरान काईलाई का स्वास्थ्य अच्छा था और वह मानसिक रूप से स्थिर थीं। अगर इन दोनों को दोषी पाया जाता है तो उन्हें मौत की सज़ा दी जा सकती है।

चीन की राजनीति में बो शिलाई

गू काईलाई चीन के पूर्व राजनीतिज्ञ बो शिलाई की पत्नी हैं जिनका करियर हेवुड की हत्या से जुड़े मामलों के कारण लगभग खत्म हो गया है। माना जाता है कि बो शिलाई प्रकरण पिछले कई वर्षों में चीन का सबसे बड़ा राजनीतिक संकट था और इसकी वजह से कम्युनिस्ट पार्टी में भीतरी मतभेद भी जगजाहिर हो गए थे।

पद से हटाए जाने से पहले बो शिलाई कई हाई-प्रोफाइल राष्ट्रीय अभियानों के सूत्रधार रहे थे। ये अभियान काफी चर्चित भी हुए थे। लेकिन चीन ने कहा था कि बो शिलाई को कम्युनिस्ट पार्टी के पदों से हटाया जाना, कानूनी प्रक्रिया का एक साधारण मामला भर है।

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