कानपुर (ब्यूरो)। सडेन कार्डिक अरेस्ट से आए दिन लोगों की जान जा रही है। दो दिन पहले ही आईआईटी कानपुर के एक साइंटिस्ट की प्रोग्राम के दौरान स्पीच देने के दौरान हार्ट अटैक से मौत हो गई थी। सडेन कार्डिक अरेस्ट का मुख्य कारण कोरोना हो सकता है। क्योंकि कॉर्डियोलॉजी इंस्टीट्यूट में बाईपास सर्जरी के दौरान डॉक्टरों को अधिकांश पेशेंट के हार्ट की नसों में सूजन व नार्मल से मोटी मिल रही हैं, जो हार्ट अटैक की वजह भी हो सकती हंै। डॉक्टरों का कहना है कि अगर सीने में दर्द और चुभन हो तो कार्डियक अरेस्ट हो सकता है। ऐसे में पेशेंट्स को ऐसी प्रॉब्लम होने पर इसे नजरअंदाज नहीं करना चाहिए, बल्कि तुरंत डॉक्टर को दिखाना चाहिए। जिससे समय रहते ट्रीटमेंट किया जा सके।

चेस्ट में हो रही चुभन तो हो जाए अलर्ट
यूपी में हार्ट हॉस्पिटल में टॉप थ्री की लिस्ट में आने वाला कानपुर का कार्डियोलॉजी इंस्टीट्यूट में इन दिनों कई पेशेंट ऐसे पहुंच रहे है, जिनके सीने में दर्द व चुभन जैसी समस्या हो रही है। इस समस्या के साथ बड़ी संख्या में यूथ से लेकर सीनियर सिटीजंस भी ट्रीटमेंट के लिए पहुंच रहे हैं। डेली 50 से अधिक युवा ऐसे पहुंच रहे है, जिनके सीने में अचानक से तेज दर्द, जकडऩ, सांस लेने में दिक्कत और लगातार थकान महसूस होने की समस्या हो रही है। साथ ही प्रतिदिन हार्ट से संबंधित बीमारियों से ग्रस्त औसतन 70 पेशेंट इंस्टीट्यूट में एडमिट किए जा रहे है। इनमें से औसतन पांच पेशेंट की डेली बाईपास सर्जरी की जा रही है।


बाईपास सर्जरी में सामने आई समस्या
कार्डियोलॉजी के डॉक्टर्स के मुताबिक, पेशेंट की बाईपास सर्जरी के दौरान एक चौंका देने वाली बात सामने आई है। डॉक्टर्स को सर्जरी के दौरान अधिकांश पेशेंट के हार्ट की नसों में सूजन देखने को मिल रही है। इसके साथ हार्ट की नसें नार्मल की अपेक्षा मोटी नजर आ रही हैं। जो कोरोना काल से पहले न के बराबर या एक से दो पेशेंट में नजर आती थी। नसों में सूजन व उसका आकार मोटा होना भी अचानक से हार्ट अटैक का कारण हो सकता है। डॉक्टरों के मुताबिक, कोरोना के बाद से हार्ट के मरीजों की संख्या बढ़ी है।

एक्सपर्ट कर रहे रिसर्च
कार्डियोलॉजी इंस्टीट्यूट के डायरेक्टर प्रो। राकेश वर्मा ने बताया कि वह डेली चार से पांच बाईपास सर्जरी करते हंै, जिसमें से अधिकांश पेशेंट के हार्ट की नसों में सूजन देखने को मिल रही है। कोरोना के बाद से पेशेंट में यह समस्या बढ़ी है, जो पहले न के बराबर थी। वहीं, यह समस्या सभी ऐज के पेशेंट में देखने को मिल रही है। इसकी वजह कोरोना भी हो सकता है, लेकिन अभी कुछ स्पष्ट नहीं कहा जा सकता है। क्योंकि देश के एक्सपर्ट डॉक्टर्स की टीम इस पर रिसर्च कर रही है। लेकिन कोरोना के वायरस ने सभी को कहीं न कहीं प्रभावित किया है।