- आईआईटी में 30 करोड़ की लागत से स्टेब्लिश होगा साइबर सेंटर

- पीएमओ, डीएसटी और डीआईटी को भेजा जा चुका है प्रपोजल

- बाम्बे स्टॉक एक्सचेंज को भी साइबर सिक्योरिटी प्रोवाइड कराएगा सेंटर

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KANPUR: साइबर क्राइम और हैकिंग की समस्या देश में तेजी से बढ़ती जा रही है। इससे लड़ने के लिए कानपुर आईआईटी ने जिम्मेदारी उठाई है। आईआईटी अब बेहतरीन साइबर एक्प‌र्ट्स भी तैयार करेगा। इसके लिए आईआइ्रटी कैंपस में साइबर सेंटर स्थापित होने जा रहा है। इसके लिए प्रपोजल डिपार्टमेंट ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी, डिपार्टमेंट ऑफ इंफॉर्मेशन एंड टेक्नोलॉजी और प्राइम मिनिस्टर ऑफिस भेजा जा चुका है। जल्द ही अप्रूवल मिल जाएगा। सेंटर को स्टेब्लिश करने में करीब 30 करोड़ रुपए का खचर्1 आएगा।

हैकर्स बन चुके हैं देश के लिए खतरा

आईआईटी के कम्प्यूटर साइंस डिपार्टमेंट के प्रो। संदीप शुक्ला ने बताया कि हैकिंग पूरी दुनिया के लिए बड़ी समस्या बन चुकी है। वेस्टर्न कंट्रीज की तुलना में हमारे देश में साइबर एक्सपर्ट की संख्या बेहद कम है। जबकि दुनिया के किसी भी कोने से बैठकर हैकर्स देश की सुरक्षा और अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचा रहे हैं। क्योंकि छोटे से छोटा बिजनेस से लेकर बैंकिंग तक नेट पर हो रही है। इस प्रॉब्लम का सॉल्यूशन साइबर सिक्योरिटी सिस्टम को बेहतर करके ही किया जा सकता है। इसलिए आईआईटी में साइबर सेंटर स्थापित किया जा रहा है।

जल्द रिलीज होगा फंड

आईआईटी कानपुर में साइबर सेंटर डेवलप करने की दिशा में काफी तेजी से काम चल रहा है। प्राइम मिनिस्टर ऑफिस, डिपार्टमेंट ऑफ साइंस एण्ड टेक्नोलॉजी और डिपार्टमेंट ऑफ इन्फार्मेशन टेक्नोलॉजी से इस सेंटर के लिए गंभीर मंत्रणा चल रही है। सेंटर के लिए प्रपोजल भी भेजा जा चुका है। सेंटर को डेवलप करने के लिए जल्द ही फंड रिलीज किया जाएगा।

बीएसई से साइन होगा एमओयू

आईआईटी कानपुर के साइबर सेंटर कोआर्डिनेटर प्रो। मणीन्द्र अग्रवाल की बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज के हायर अथॉरिटीज से कई राउंड साइबर सिक्योरिटी के इश्यू पर डिस्कशन हो चुका है। साइबर सिक्योरिटी के लिए जल्द ही बीएसई आईआईटी कानपुर से एमओयू साइन कर सकता है। बीएसई की सिक्योरिटी को कैसे और बेहतर किया जाए, इस पर साइबर सेंटर में काम किया जाएगा। इसके लिए बीएसई एक लैब उपलब्ध कराएगी जिसमें कि आईआईटी के साइबर एक्सपर्ट काम करेंगे।

कई बड़ी कंपनियां भी संपर्क में

साइबर सिक्योरिटी के लिए आईटी सेक्टर की कुछ कंपनियां भी सेंटर से संपर्क में हैं। जिनमें प्रमुख रूप से टीसीएस, आईबीएम, इन्फोसिस की सिस्टर कंर्सन निवेटी हैं। रेलवे के साइबर सिक्योरिटी सिस्टम पर भी काम करने का प्लान है। लेकिन वह तभी होगा जब स्टेयरिंग कमेटी ग्रीन सिग्नल देगी।