कानपुर (दिव्यांश सिंह)।आईआईटी कानपुर में पढऩे आने वाले स्टूडेंट्स को आने वाले सालों में अंग्रेजी में कंटेट की वजह से परेशान नहीं होना पड़ेगा। इस काम के लिए आईआईटी ने बीटेक पहले साल के कंटेट को अंग्रेजी के अलावा एक अन्य भाषा में ट्रांसलेट करना स्टार्ट कर दिया है। आने वाले सालों में बीटेक के पहले साल में स्टूड़ेंट्स को अंग्रेजी के अलावा हिंदी या किसी अन्य भारतीय भाषा में बाइलिंगवल कंटेंट पढऩे को मिलेगा। इसके लिए काम शुरु हो गया है। अगले साल तक स्टूडेंट्स को कंटेंट उपलब्ध हो जाएगा।

शिवानी सेेंटर में तैयार किया जा रहा बाइलिंगवल कंटेट
इंजीनियरिंग की पढ़ाई के कंटेंट को बाइलिंगवल भाषा में तैयार किए जाने का काम आईआईटी कैंपस में बने शिवानी सेंटर फॉर द नर्चर एंड रि इंटीग्रेशन आफ हिंदी एंड अदर इंडियन लैैंग्वेज में किया जाएगा। यहां पर पहले साल के कंटेंट को दूसरी भाषाओं में ट्रांसलेट किया जा रहा है। अगले साल तक बीटेक पहले साल के कंटेंट को ट्रांसलेट कर लिया जाएगा। ट्रांसलेशन में यूज की जाने वाली दूसरी लैैंग्वेज में हिंदी को प्राथमिकता दी जाएगी। पहले साल का कंटेंट ट्रांसलेट होने के बाद अगले सालों के कंटेंट के ट्रांसलेशन पर विचार किया जाएगा।

लेक्चर और नोट्स भी हो रहे तैयार
केवल कोर्स कंटेंट को ही बाइलिंगवल तैयार नहीं किया जा रहा है। पहले चरण में फिजिक्स और सीएस के लेक्चर्स को नोट्स के फॉर्मेट में ट्रांसलेट किया जा रहा है। आईआईटी के एक्सपट्र्स का मानना है कि लेक्चर और नोट्स को ट्रांसलेट होने से स्टूडेंट को स्टडी में आसानी होगी।

इसलिए पड़ी जरुरत
आईआईटी में इंजीनियरिंग की पढ़ाई टोटल अंग्रेजी भाषा में होती है। क्लास, बुक्स और लेक्चर हर जगह पर अंग्रेजी लैग्वेज का ही यूज किया जाता है। ऐसे में अंग्रेजी माध्यम के अलावा हिंदी या किसी अन्य माध्यम से 12वीं पास करके आने वाले स्टूडेंट्स को पढ़ाई में समस्या होती थी। कुछ स्टूडेंट्स को कोर्स कंटेंट ही समझ में नहीं आता था। पूरी समस्या आईआईटी के अफसरों तक पहुंचने के बाद स्टूडेेंट्स की सहूलियत के लिए बाइलिंगवल कंटेंट रेडी करने पर विचार करके उसको मूर्त रुप दिए जाने के लिए काम स्टार्ट हुआ। इस कंटेंट के आने के बाद से अंग्रेजी की कम समझ रखने वाले स्टूडेंट्स को भी पढ़ाई में प्राब्लम नहीं होगी। इस काम को शुरुआती तौर पर बीटेक फस्र्ट ईयर के लिए किया जा रहा है। पहले साल की पढ़ाई के दौरान आईआईटी अंग्रेजी की कम समझ रखने वाले स्टूडेंट्स को अंग्रेजी में परफेक्ट करेगा। बीटेक के दूसरे से चौथे साल तक की पढ़ाई अंग्रेजी भाषा में ही होगी। यदि इस प्रयोग में सफलता मिलती है तो आईआईटी बीटेक के बचे तीन साल और अन्य कोर्सों के कंटेेंट को भी बाइलिंगवल तैयार करने पर विचार कर सकता है।

बीटेक पहले साल के कोर्स कंटेंट को बाइलिंगवल (हिंदी एवं अन्य भारतीय भाषाओं) बनाया जा रहा है। इस काम के लिए शिवानी सेंटर में काम शुरु हो गया है। अगले सेशन से स्टूडेंट्स को बाइलिंगवल कंटेंट मिलेगा।
प्रो। अभय करंदीकर, आईआईटी डायरेक्टर