कानपुर (ब्यूरो) । आईआईटी से मोतीझील तक करीब 9 किमी का रूट एक दिसंबर से रोशन हो जाएगा। मेट्रो निर्माण के चलते इस रूट पर लंबे समय से अंधेरा छाया हुआ था। नगर निगम ने दिल्ली की एक कंपनी से कांट्रैक्ट कर इस रूट की स्ट्रीट लाइट को रोशन किया है। स्मार्ट सिटी के बजट से इस रूट पर 750 स्ट्रीट लाइट लगाने का काम पहले हो चुका था। अब उसके कनेक्शन का काम भी पूरा हो चुका है। एक दिसबंर से इस रूट को पूरी तरह से रोशन कर दिया जाएगा। इस रूट पर अंधेरे के चलते होने वाले हादसे पर भी अंकुश लग सकेगा।

स्मार्ट सिटी के बजट से रोशन
आईआईटी से मोतीझील रूट पर लगी 750 लाइटों में नगर निगम ने कनेक्शन दौड़ा दिया है। मेट्रो के संचालन शुरू हुए एक साल से ज्यादा समय बीत चुका है, लेकिन इस रूट पर फैला अंधेरा नहीं मिट सका है। नगर निगम ने रूट पर स्ट्रीट लाइट लगाने के लिए कानपुर मेट्रो से दो करोड़ रुपये की डिमांड की थी, लेकिन मेट्रो की ओर से इनकार कर दिया गया था। जिसके बाद इस रूट पर रोशन करने के लिए स्मार्ट सिटी के बजट से लाइट लगाने का काम शुरू किया गया, लेकिन इसमें करंट न दौडऩे से नौ किलोमीटर के रूट में रात में अंधेरा हो जाता है, इससे हादसे होते हैं।

एक साल से चल रहा था काम
नगर निगम की स्ट्रीट लाइट डिपार्टमेंट एक साल में इस रूट पर 750 स्ट्रीट लाइट लगवाई हैं। दिल्ली की फर्म ने यह काम बहुत ही कम रफ्तार में पूरा किया। आईआईटी से बृजेंद्र स्वरूप पार्क तक मेट्रो के बने एलिवेटेड ट्रैक किनारे ही क्लैंप के सहारे सभी लाइट लगाई गई। रूट पर जो लाइटें लग गई उनमें अब बिजली कनेक्शन किया जा रहा है। आईआईटी से रावतपुर तिराहे तक अंधेरा ज्यादा रहता है। ऐसे में पैदल और टू विलर व्हीकल सवार को काफी परेशानी होती हैं। कई बार अंधेरे के चलते रोड एक्सीडेंट में हुए है।

मेट्रो स्टेशन की लाइटें भी हो जाती बंद
इस 9 किलोमीटर के रूट पर मोतीझील, लाला लाजपत राय हास्पिटल, रावतपुर रेलवे स्टेशन, गीता नगर, गुरुदेव चौराहा, यूनिवर्सिटी, एसपीएम, कल्याणपुर, आईआईटी को मिलाकर नौ मेट्रो स्टेशन हैं। जहां पर डिपार्टमेंट की ओर से लाइटिंग की गई है, लेकिन रात में मेट्रो का संचालन बंद होते ही यहां के कई स्टेशनों के नीचे की लाइटें बंद कर दी जाती हैं। जिससे अंधेरा हो जाता है। इससे रूट पर नाइट पर प्रॉब्लम और बढ़ जाती है।