KANPUR : सिंदूर खेला के बाद ट्यूजडे को मां महिषासुर मर्दिनी पूजा पंडालों से विदा की गई। विसर्जन यात्रा ढाक और नगाड़े की धुन के बीच शुरू हुई तो युवा भक्तों ने रंग गुलाल उड़ाने के साथ डांस करते हुए माहौल को भक्ति सागर में डुबो दिया। वहीं विसर्जन के बाद श्रद्धालु बुझे मन से वापस लौटे।

मां को भी सिंदूर से सराबोर किया

ट्यूजडे को प्रतिमाओं को विसर्जन के लिए विदा किया गया। पूजा पंडालों में सुबह धुनुची आरती के बाद सिन्दूर खेलने का सिलसिला शुरू हुआ। महिलाओं व युवतियों ने खूब जमकर एक दूसरे के चेहरे पर सिंदूर लगाया। मां की प्रतिमा को भी सिंदूर से सराबोर कर दिया। अखण्ड सौभाग्यवती और परिवार की मंगल कामना का आर्शीवाद लेकर मां महिषासुर मर्दिनी को विदाई दी गई।

प्रमुख पंडालों से हुई विदाई

सिटी के प्रमुख एबी विद्यालय, अशोकनगर, स्वरूपनगर, हीरा पन्ना गेस्ट हाउस, अर्मापुर, कल्याणपुर आदि क्षेत्रों के भव्य पंडालों की मूर्तियां जब चली तो उनके साथ भक्तों का सैलाब चल पड़ा। माता की जय जयकार लगाने में इन भक्तों में अधिकतर युवा ही जोश भर रहे थे।

250 से अधिक प्रतिमाएं विसर्जित

गंगा घाटों सरसैयाघाट, गोलाघाट, मेस्करघाट, जाजमऊ, रानीघाट, गंगा बैराज पर बने आर्टिफिशियल तालाबों सूर्यास्त तक करीब 250 से अधिक छोटी-बड़ी प्रतिमाएं विसर्जित की गईं। घाटों पर भी नजारा मेले जैसा रहा। विसर्जन से पूर्व फिर एक बार रंग गुलाल खेला गया। भक्तों ने मां को विदाई दी और बुझे मन से घर को वापस लौट गए।