- सीबीआई ने इंस्टीट्यूट प्रशासन से 4 छात्रों का डिटेल मांगा

- एक फाइनल इयर का छात्र, दो हो चुके हैं पासआउट

KANPUR: मध्यप्रदेश के चर्चित व्यापमं घोटाले की जांच मेडिकल कॉलेज से होते हुए एचबीटीआई तक पहुंच गई है। मामले की जांच कर रही सीबीआई ने एचबीटीआई से चार छात्रों का ब्यौरा संस्थान प्रशासन से मांगा है। सीबीआई का लेटर आने से इंस्टीट्यूट प्रशासन में हड़कंप की स्थिति है। जांच के दायरे में आयल एण्ड पेंट टेक्नोलॉजी फाइनल इयर का एक छात्र आ रहा है। सीबीआई ने इस छात्र की पूरी कुंडली मांगी है। बाकी दो छात्र दो साल पहले ही पास होकर जा चुके हैं। जबकि चौथे छात्र का इंस्टीट्यूट के पास कोई डिटेल उपलब्ध नहीं है। एडमिनिस्ट्रेशन ने तीन स्टूडेंट्स का डिटेल सीबीआई को भेज दिया है।

एक छात्र का अता-पता नहीं

इंस्टीट्यूट सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार सीबीआई ने आयल एण्ड पेंट टेक्नोलॉजी फाइनल इयर के स्टूडेंट भूपेन्द्र सिंह राठौर, इलेक्ट्रॉनिक्स ब्रांच के पासआउट छात्र राहुल जायसवाल और लेदर टेक्नोलॉजी के परीक्षित यादव और विकास प्रजापति नाम के छात्र का पूरा ब्यौरा तलब किया है। खास बात यह है कि विकास के बारे में संस्थान के पास कोई ब्यौरा नहीं है। यह भी तय नहीं है कि वह एचबीटीआई का छात्र था या नहीं।

किसी की अटेंडेंस, किसी की फीस डिटेल मांगी

फाइनल इयर के स्टूडेंट भूपेन्द्र सिंह राठौर की अप्रैल 2013 की अटेंडेंस और रजिस्ट्रेशन फार्म सीबीआई ने मांगा है। अहम बात यह है कि अप्रैल 2013 में यह छात्र पूरे महीने इंस्टीट्यूट से गायब रहा है। संस्थान की अटेंडेंस का जो डिटेल है उसमें इस मेधावी पर गाज गिरने की संभावना बहुत ज्यादा बढ़ गई है। परीक्षित यादव का अप्लीकेशन फार्म जांच एजेंसी तलब ने किया है। लेदर टेक्नोलॉजी के पास आउट राहुल जायसवाल का अप्लीकेशन फार्म और फीस का डिटेल तलब किया है।

एसटीएफ के राडार पर थे 8 छात्र

सीबीआई के पहले एमपी की स्पेशल टास्क फोर्स ने एचबीटीआई के करीब आठ छात्रों पर अपनी जांच केंद्रित की थी, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने व्यापमं की जांच सीबीआई को दे दी थी। सीबीआई के राडार पर एचबीटीआई के चार स्टूडेंट्स हैं जिनमें कि एक के बारे में संस्थान के पास कोई भी डिटेल नही हैं। दो छात्र पास होकर जा चुके हैं।

वर्जन

व्यापमं घोटाले की जांच में इंस्टीट्यूट के तीन स्टूडेंट्स पर दूसरे के स्थान पर पेपर देने का आरोप है। जिनकी जांच के लिए सीबीआई ने डिटेल मांगा था। जिसे जांच एजेंसी को भेज दिया गया है।

प्रो। अशोक कुमार, डायरेक्टर एचबीटीआई