- दिवाली के बाद शहर में फिर बढ़ा पॉल्यूशन, एक्यूआई में मानक से चार गुना से ज्यादा पॉल्यूशन का स्तर

-इसके बाद खुलेआम जगह-जगह जलाया जा रहा कूड़ा, सफाई न होने से सड़कों पर उड़ रहे धूल के गुबार

KANPUR: दिवाली के बाद सिटी में पॉल्यूशन का स्तर एक बार फिर तेजी से बढ़ा है। सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड के एयर क्वालिटी इंडेक्स के मुताबिक सैटरडे को सिटी में पीएम 2.5 का स्तर 252 माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर रिकॉर्ड किया गया। जोकि मानक से चार गुना से भी ज्यादा है। 126 शहरों के एक्यूआई में कानपुर सर्वाधिक प्रदूषित शहरों में 8वें नंबर पर रहा। जबकि यूपी में कानपुर सबसे ज्यादा प्रदूषित शहर रहा।

बारिश का असर खत्म

मालूम हो कि दिवाली से पहले ही सिटी में पॉल्यूशन का स्तर घटने लगा था। दिवाली पर पटाखों पर बैन के बाद भी पॉल्यूशन का स्तर इतना खतरनाक तरीके से नहीं बढ़ा जितना बीते सालों में बढ़ता था। इसके बाद बारिश हो गई। जिससे रहा-सहा पाल्यूशन का ग्राफ तेजी से नीचे आ गया। इससे पाल्यूशन पर अंकुश लगाने के लिए अलर्ट विभागों में सुस्ती आ गई। न तो उन्होंने रोड्स की सफाई पर ध्यान दिया, न ही जलते कचरे की परवाह की। रोड कटिंग के बाद सड़क न बनाए जाने से फिर धूल उड़ने लगी है। इससे एक बार फिर पॉल्यूशन का ग्राफ बढ़ने सांसों में जहर घुलना फिर से शुरू हो गया है। कानपुर स्मार्ट सिटी के तहत लगे इनवायरमेंटल सेंसर्स में भी कई जगहों पर पॉल्यूशन का स्तर मानक से कहीं ज्यादा दर्ज किया गया।

ओपीडी में बढ़ रहे सांस के पेश्ेांट

ठंड बढ़ने के साथ ही पॉल्यूशन के असर की वजह से शहर के प्रमुख अस्पतालों की ओपीडी में सांस से संबंधित दिक्कतों वाले पेशेंट्स बढ़े हैं। मेडिकल कॉलेज के मुरारी लाल चेस्ट हॉस्पिटल और एलएलआर हॉस्पिटल में सांस की प्रॉब्लम से जुड़े पेशेंट्स बढ़े़ हैं। मुरारी लाल चेस्ट हॉस्पिटल की ही ओपीडी में 15 परसेंट तक पेशेंट बढ़े हैं.इनमें से कई के गले में इंफेक्शन, सांस फूलने जैसी भी शिकायतें मिल रही हैं,लेकिन कोरोना वायरस के चलते ऐसे लक्षण वाले पेशेंट्स के कोविड टेस्ट भी कराए जा रहे हैं। वहीं डॉक्टर्स का कहना है कि इस सीजन में वैसे भी सांस से जुड़ी दिक्कत वाले पेशेंट्स बढ़ते हैं।

यूपी के सबसे प्रदूषित शहर

कानपुर- 252 माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर

बुलंदशहर- 250 माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर

गाजियाबाद- 238 माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर

नोएडा-231 माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर

बागपत- 229 माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर

ग्रेटर नोएडा- 228 माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर

आगरा- 222 माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर

देश के टॉप-10 पॉल्यूटेड सिटीज

फतेहाबाद-318 माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर

हिसार-292 माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर

भिविंडी-284 माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर

उज्जैन-271 माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर

बहादुरगढ़- 258 माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर

जींद-257 माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर

गुरुग्राम- 256 माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर

कानपुर-252 माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर

दिल्ली- 251 माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर

बुलंदशहर- 250 माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर

मंडी गोविंदगढ़- 249 माइक्रोग्राम प्रति घनमीट

नोट- सभी आंकड़े सीपीसीबी के एक्यूआई से। पीएम2.5 के।