कानपुर (ब्यूरो)। मूल रूप से कानपुर देहात निवासी सेना के जवान की अंबाला में रेलवे ट्रैक पर लाश मिली है। आतंकियों द्वारा उसकी हत्या किए जाने की आशंका जताई जा रही है। जवान की पत्नी के वॉट्सएप पर एक मैसेज भी आया। जिसमें लिखा है, 'मैंने आपके पति को खुदा के पास भेज दिया है, पाकिस्तान जिंदाबाद। इंडियन आर्मी अपने सैनिक को बचा सकती है, तो बचा लेÓ। जवान शरीर पर काफी चोट के निशान भी मिले हैं। पुलिस शव को कब्जे में लेकर जांच कर रही है। अंबाला कैंट के सिविल अस्पताल में डॉक्टरों का पैनल शव का पोस्टमॉर्टम करेगा।

अंबाला में तैनात था पवन
अंबाला कैंट में सेना की 40 एडीएसआर यूनिट में 3 साल से तैनात पवन शंकर पत्नी और दो बेटियों के साथ रह रहा था। परिजनों की मानें तो बुधवार शाम पवन मंदिर जाने की बात कहकर अपने घर से निकला था। इसके बाद वह नहीं लौटा। देर रात तक पत्नी ने फोन पर संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन फोन स्विच ऑफ मिला। जबकि पवन के मोबाइल से ही वॉट्सऐप पर मैसेज किया गया।

दर्ज था गुमशुदगी का केस
हवलदार पवन शंकर 6 सितंबर की शाम 7.50 बजे से लापता था। मड़वा थाना पुलिस ने लांस हवलदार की यूनिट के सूबेदार की शिकायत पर गुमशुदगी का केस दर्ज किया था। बुधवार रात 11.39 बजे पवन शंकर के नंबर से ही उसकी पत्नी के पास मैसेज आया था। इसके बाद रात 11.42 बजे पवन के वॉट्सएप पर लास्ट सीन दिखाई दिया। इस मैसेज के बाद पत्नी पुलिस के पास पहुंची। साथ ही सेना से भी संपर्क साधा गया। इसके बाद पवन की तलाश तेज कर दी गई। गुरुवार सुबह उसका शव अंबाला-दुखेड़ी रेलमार्ग पर पड़ा मिला।

गांव में पसरा मातम
इकलौते बेटे पवन की मौत की खबर सुनते ही उनकी मां मुन्नी देवी और पिता प्रेम शंकर का रो-रोकर बुरा हाल है। मौके पर मौजूद पवन के मौसा राजकुमार सचान ने बताया कि अंतिम बार पवन जुलाई में मेरे घर आया था। राजकुमार ने बताया कि मुझे मुंह का कैंसर है। तब पवन ने मुझसे बोला था कि मौसा इलाज करवाओ। जो जरूरत पड़े, मुझसे कहना।

आर्मी ऑफिसर ने दी जानकारी
राजकुमार सचान ने कहा कि पवन की एक बहन है अंजू। उसकी यहीं कानपुर देहात में शादी हुई है। उसका कल मेरे पास फोन आया। बिटिया ने बताया कि भैया लापता हैं, मिल नहीं रहे हैं। हमने पूछा कि किसने ऐसा कहा है, तो बोली फोन आया है। इसके बाद मैंने बिटिया से वो नंबर लिया। मैंने उस नंबर पर कॉल की, तो पता चला कि वो सेना के किसी अधिकारी का नंबर है। उन्होंने मुझसे कहा कि हवलदार पवन शंकर की मौत हो गई है। उसके शव की पहचान पत्नी रागिनी ने की है। बस इस तरह हम लोगों को जानकारी हुई।

नौबस्ता में रहता था परिवार
पवन की पत्नी रागिनी, उसके दो बच्चे 8 साल का प्रनी और 4 साल की आरोही नौबस्ता स्थित किराए के मकान में रहते थे। यहीं पास में ही अर्रा में जवान की ससुराल भी है। 6 महीने पहले होली में जब पवन शंकर आया था, तब पत्नी और बच्चों को अंबाला ले गया था। अंबाला के एसएचओ जीआरपी धर्मवीर ने इसकी पुष्टि करते हुए बताया कि पवन के परिजनों को सूचना दे दी गई है। शव के आसपास मोबाइल फोन नहीं मिला है। मड़वा थाने में केस दर्ज हो गया है। जीआरपी अपने स्तर पर कार्रवाई कर रही है। सेना ने भी अपने स्तर से छानबीन शुरू कर दी है।

आर्मी ढूंढते हुए थाने आई
जीआरपी के जांच अधिकारी प्रदीप कुमार ने कहा कि थर्सडे शाम रेलवे की तरफ से हमारे पास सूचना आई थी। जिसमें बताया गया कि शाहपुर गांव के पास रेलवे ट्रैक पर बॉडी पड़ी हुई है। शुरुआती जांच में ये एक्सीडेंटल मामला लगा। कार्रवाई के बाद हम बॉडी को वहां से ले आए। उसी दौरान कुछ आर्मी पर्सन किसी को ढूंढते हुए आए। उन्होंने कहा कि हमारा एक फौजी गायब है। उन्होंने बॉडी देखी और कन्फर्म किया कि ये उनका सैनिक पवन ही है। जांच के दौरान हमें पता चला कि पत्नी के पास कोई मैसेज आया है। जिसे गंभीरता से लेकर हम जांच कर रहे हैं। फिलहाल मौत की वजह के बारे में कुछ नहीं कहा जा सकता।

एक्टिव हुई जांच एजेंसी
इस मैसेज के बाद पुलिस के साथ मिलिट्री पुलिस और आर्मी इंटेलिजेंस भी अलर्ट हो गई है। सैनिक के पोस्टमॉर्टम से पहले ही सेना की टीम अंबाला के अस्पताल में पहुंच गई। फिलहाल, वहां किसी तरह की वीडियोग्राफी से इनकार कर दिया गया है। जवान के सिर और गर्दन के पास गहरा घाव मिला है। मामले में तेजी के साथ कार्रवाई की जा रही है।