कानपुर (ब्यूरो)। आपने अक्सर सुना होगा कि ट्रेन का ड्राइवर ट्रेन खड़ी कर टॉयलेट करने चला गया। जिसके लेकर ट्रेन पांच मिनट खड़ी रही। ऐसी खबरें मीडिया की हेडलाइंस बन जाती हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि गुड्स ट्रेन हो या फिर पैसेंजर, ट्रेन के इंजन में टॉयलेट की सुविधा ही नहीं होती है। इसलिए इमरजेंसी की स्थिति में ट्रेन के पायलट को ऐसा करना पड़ता है। लेकिन जल्द ही ऐसी घटनाएं आपको सुनने को नहीं मिलेगी। क्योंकि कानपुर इलेक्ट्रिक लोको शेड ने देश का पहला वॉटरलेस यूरिनल वाला पैसेंजर ट्रेन इंजन तैयार किया है।

पटियाला में होगा एग्जीबिशन

इलेक्ट्रिक लोको शेड के चीफ इंजीनियर राहुल त्रिपाठी ने बताया कि 21 मार्च को पटियाला में देश के विभिन्न लोकोशेड में मॉडीफाई किए जाने वाले रेल इंजन की एग्जीबिशन लगेगी। इस एग्जीबिशन में कानपुर के लोकोशेड में मॉडीफाई किए गए पैसेंजर रेल इंजन को भी रखा जाएगा। उन्होंने बताया कि विभिन्न लोको शेड ने गुड्स इंजन में यूरिनल लगाया है। यह मॉडल देश के कई लोको शेड ने बनाया हे लेकिन कानपुर इलेक्ट्रिक लोको शेड ने पैसेंजर रेल इंजन को मॉडीफाई कर वाटरलेस यूरिनल सिस्टम लगाया है। जोकि देश का पहला और एकलौता मॉडल है।

खत्म होगी समस्या

रेलवे आफिसर्स के मुताबिक बीते कुछ सालों में रेलवे ने पायलट की पोस्ट पर महिलाओं की भी भर्ती शुरूकर दी है। जिनको ड््यूटी के दौरान टॉयलेट जाने की काफी समस्या होती थी। क्योंकि वर्तमान में गुड्स व पैसेंजर रेल इंजन में यूरिनल की सुविधा नहीं है। ऐसी स्थिति में पुरुष पायलट तो आउटर में ट्रेन खड़ी होने के दौरान उतरकर टॉयलेट के लिए चले जाते हैं। लेकिन महिला पायलट को स्टेशन आने का इंतजार करना पड़ता है। रेल इंजन में यूरिनल सुविधा होने से महिला पायलट की यह समस्या खत्म हो जाएगी।

सिलेक्ट होने पर देश के सभी इंजन में

इलेक्ट्रिक लोको शेड के चीफ इंजीनियर राहुल त्रिपाठी ने बताया कि पैसेंजर रेल इंजन को मॉडीफाई कर पहला वाटर लेस यूरिनल सुविधा से लैस इंजन तैयार किया गया है। पटियाला में होने वाले एग्जीबिशन में मॉडल सिलेक्ट होने पर रेलवे बोर्ड के ऑफिसर्स इस मॉडल की तरह देश के सभी रेल इंजन को मॉडीफाई कराएंगे। जिससे पायलट को ट्रेन चलाने के लिए किसी प्रकार की सुविधा का सामना न करना पड़े।