कानपुर (ब्यूरो)। सिटी में अवैध तरीके से 40 हजार से अधिक ई-रिक्शा चल रहे हैं। इन पर लगातार ट्रैफिक पुलिस व आरटीओ के प्रवर्तन दल की तरफ से कार्रवाई भी की जा रही है। इसके बावजूद समस्या कम नहीं हो रही है। इसका मुख्य कारण है कि जुर्माना करने के बावजूद चालक जुर्माना जमा कर ई-रिक्शा संचालित करते हैं। चेकिंग स्टॉफ चाह कर भी अवैध ई-रिक्शों को जब्त नहीं कर सकते। क्योंकि वह ई-रिक्शा जब्त तो कर लेंगे लेकिन उनको रखेंगे कहां, क्योंकि ट्रैफिक पुलिस लाइन का ग्राउंड बीते सालों जब्त किए गए ई-रिक्शों व अन्य व्हीकल से फुल हो चुके हैं। यही हाल पुलिस थानों का भी है।

सिटी के बाहर डम्पिंग यार्ड बनाने की तैयारी

ट्रैफिक नियमों व परमिट का उलंघन करने वालों के वाहनों को जब्त कर लिया जाता है। जिसके बाद हैवी जुर्माना जमा करने के बाद ही उनको छोड़ा जाता है। इस दौरान वाहन कई बार कई दिनों तक स्थानीय थाने, ट्रैफिक पुलिस लाइन व आरटीओ परिसर में खड़ी रहती है। वहीं ई-रिक्शों की बात करे तो दर्जनों बार ट्रैफिक नियम तोडऩे पर इतनी हैवी जुर्माना हो जाता है कि ई-रिक्शा ओनर उसको छुड़वाने ही नहीं आता है। इस स्थिति में समस्या और बढ़ जाती है। इसीलिए आरटीओ एडमिनिस्ट्रेशन राजेश सिंह ने डीएम को लेटर भेज सिटी के बाहर जब्त वाहनों का डम्पिंग यार्ड बनाने के लिए जमीन मुहैया कराने का आग्रह किया है। जिससे जब्त वाहनों को वहां खड़ा कराया जा सके।

एक साल में दो हजार से अधिक ई-रिक्शा किए गए जब्त

आरटीओ प्रवर्तन टीम व ट्रैफिक पुलिस के ई-रिक्शों पर की गई कार्रवाई के आंकड़ों के मुताबिक दोनों ही डिपार्टमेंट के आफिसर्स ने जून 2023 से मई 2024 के बीच में लगभग दो हजार ई-रिक्शों को जब्त किया है। वहीं 28 हजार से अधिक ई-रिक्शों के खिलाफ ट्रैफिक रूल तोडऩे पर कार्रवाई की है। जब्त किए गए ई-रिक्शों को स्थानीय थाना व ट्रैफिक पुलिस लाइन ग्राउंड में खड़ा कराया गया था।

रजिस्ट्रेशन में फोन नंबर नहीं दर्ज
सिटी में एक नहीं दर्जनों ई-रिक्शा ऐसे भी चल रहे है। जिनका कई बार चालान हो चुका है। इसके बावजूद वह सडक़ों पर चल रहे है। बडी बात यह है कि इन्होंने जुर्माना भी नहीं भरा है। इसका मुख्य कारण एक या भी है कि ई-रिक्शा के रजिस्ट्रेशन कराने के दौरान ओनर का मोबाइल नंबर नहीं लिखा गया है। जिसकी वजह से चालान का ऑनलाइन मैसेज भी ओनर तक नहीं पहुंचता है। जुर्माने की रकम एक समय के बाद इतनी अधिक हो जाती है कि वह जुर्माना जमा करने के बजाए स्कैप में चले जाने में फायदा सोचते हैं।

आंकड़े
- 2 हजार ई-रिक्शा बीते वर्ष में जब्त किए गए थे
- 30 हजार ई-रिक्शों के खिलाफ हर वर्ष आरटीओ व ट्रैफिक पुलिस करती कार्रवाई
- 40 हजार से अधिक ई-रिक्शा सिटी में अवैध तरीके से चल रहे
- 44 हजार ई-रिक्शा सिटी में रजिस्टर्ड हैं
- 2 साल पहले तक 18 हजार ई-रिक्शा सिटी में रजिस्टर्ड थे