कानपुर (ब्यूरो) पुलिस और सुदामा के परिवार वालों के बीच अगर इस वारदात से कोई सबसे ज्यादा प्रभावित हो रहा है तो वे हैैं वन स्टॉप सेंटर के कर्मचारी। दरअसल सुदामा की मौैत का राज वन स्टॉप सेंटर के सभी कर्मचारी जानते हैैं, लेकिन मुंह खोलने से पहले 'खाकी के कहरÓ को याद कर लेते हैैं। नाम न छापने की शर्त पर कर्मचारियों ने बताया कि मौत का राज अगर बाहर आ गया तो हम लोग इस पूरे हत्याकाण्ड में फंसा दिए जाएंगे, लिहाजा हम लोग कुछ नहीं बताएंगे, जो जांच रिपोर्ट में आएगा, उसी के मुताबिक काम किया जाएगा।

जल्द दर्ज होंगे बयान
सैटरडे दोपहर बाद डीसीपी साउथ रवीना त्यागी और एसीपी स्वरूप नगर वीबी सिंह वन स्टॉप सेंटर पहुंचे। साथ में अंदर गए सभी पुलिस कर्मियों की इंट्री रजिस्टर में आमद की गई। जांच शुरू करने के दौरान डीसीपी साउथ ने उस बाथरूम को भी देखा, जहां सुदामा ने सुसाइड किया था। इसके बाद बंद कमरे में वन स्टॉप सेंटर की सभी कर्मचारियों से पूछताछ की। बाहर निकल कर बताया कि पूछताछ की गई है अब जल्द ही बयान दर्ज किए जाएंगे। ये समझ में नहीं आ रहा है कि ऐसी क्या मजबूरी थी जो नवाबगंज पुलिस सुदामा और उसकी बेटी को लेकर महिला थाने की जगह वन स्टॉप सेंटर में पहुंच गए।

ये था मामला
उन्नाव के मगरवारा निवासी किशोरी और उसकी मां सुदामा को नवाबगंज पुलिस 25 लाख की चोरी के मामले में पकड़ कर लाई थी। परिवार वालों का आरोप है कि हिरासत में लेकर पुलिस ने सुदामा को बुरी तरह पीटा। साथ ही ये भी कहा गया कि सुबह तक सोच लो, माल न बरामद करा पाई तो और पिटाई की जाएगी। यही सब सोचकर सुदामा ने फांसी लगा ली थी।