कानपुर (ब्यूरो)। आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में इंसान केवल सक्सेस और इकोनॉमिकली स्ट्रांग होने के लिए तन मन और धन लगाकर मेहनत कर रहा है। कोशिश करने के बाद इंसान को सक्सेस तो मिल जाती है लेकिन वह समाज से अलग सा हो जाता है। दूसरी भाषा में कहें तो समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारी को भूल जाता है। ऐसे में वह कभी-कभी कुछ अटपटे काम कर देता है, जिसको सोसायटी या साथ वाले स्वीकार नहीं कर पाते हैैं। इसी बात को ध्यान मेें रखते हुए सीएसजेएमयू से पीएचडी करने वाले रिसर्च स्कॉलर्स को अपने टॉपिक पर रिसर्च से पहले यूनिवर्सल ह्यूमन वैल्यू का पाठ पढऩा होगा। न्यू सेशन 2024-25 से पीएचडी में एडमिशन लेने वालों को इस पाठ को पढऩा और पेपर में पास होना कंपलसरी होगा। इसको करने के बाद ही टॉपिक और गाइड का एलाटमेंट होगा, जिसके बाद रिसर्च का काम शुरू हो सकेगा।

तीन क्रेडिट, पांच यूनिट का सिलेबस
पीएचडी में एडमिशन के बाद रिसर्च स्कालर को शुरुआती छह महीने में पीएचडी का कोर्स वर्क करना होता है। ऐसे में सेशन 2024-25 से सीएसजेएमयू से पीएचडी करने वालों को यूनिवर्सल ह्यूमन वैल्यू पढऩी होगी। यहां के पीएचडी कोर्स वर्क के सिलेबस में तीन क्रेडिट और पांच यूनिट का यूनिवर्सल ह्यूमन वैल्यू का सिलेबस जोड़ा गया है। इस कोर्स को सीएसजेएमयू कैंपस या एफिलिएटेड कॉलेजों से पीएचडी करने वाले सभी स्कालर्स को पढऩा होगा।

ये है कोर्स शुरू करने का मकसद
एआईसीटीई से मान्यता प्राप्त कोर्सों में यूनिवर्सल ह्यूमन वैल्यू का पाठ स्टूडेंट्स बीते कई समय से पढ़ते आ रहे हैैं। बीटेक और एमटेक समेत कई कोर्सों की पढ़ाई करने वाले स्टूडेंट्स को यह कोर्स पढऩा होता था। अब सीएसजेएमयू ने पहली बार किसी भी स्ट्रीम के पीएचडी स्टूडेंट्स को इस कोर्स को पढऩा कंपलसरी कर दिया है। माना जा रहा है कि सीएसजेएमयू के अफसरों का विजन है कि यहां से पीएचडी करने वाले स्टूडेंट्स एकेडमिक के साथ साथ हर चीज पर खरे उतरे। वह अपनी सोशल रिस्पांसिबिलिटी भी समझें। इसी वजह से यूनिवर्सल ह्यूमन वैल्यू को पीएचडी स्टूडेेंट्स के लिए कंपलसरी किया गया है।