आई एक्सक्लूसिव

-डीएम सर्किल रेट रिवाइज करने के लिए शुरू हो गया है सर्वे

-अब मार्केट वैल्यू के हिसाब से ही होगा डीएम सर्किल रेट

-पहले जमीन के रेट कम होने के बावजूद हर बार बढ़ा दिए जाते थे डीएम सर्किल रेट

KANPUR : नोटबंदी के बाद कैश के लिए हो रही प्रॉब्लम के बीच घर बनाने का सपना देख रहे कानपुराइट्स के लिए एक अच्छी खबर है। इस बार प्रत्येक साल की तरह हर मोहल्ले की जमीन का डीएम सर्किल रेट बढ़ेगा नहीं बल्कि शहर के ज्यादातर हिस्सों में घटेगा। आई नेक्स्ट के हाथ लगी पुख्ता रिपोर्ट के मुताबिक इस बार सर्किल रेट में मार्केट रेट का पूरा 'ख्याल' रखा जाएगा। मिली जानकारी के मुताबिक करीब 30 प्रतिशत सर्किल रेट कम होगा। इसका मतलब ये हुआ कि आने वाले दिनों में कानपुर के तमाम एरियाज में जमीन का रेट करीब 30 फीसदी तक घट सकता है। इसके लिए डीएम सर्किल रेट के लिए सर्वे शुरू हो चुका है।

सर्किल रेट ज्यादा मार्केट वैल्यू कम

मिस्टर 'ए' कोयला नगर में जमीन खरीद कर अपना आशियाना बसाना चाहते हैं, लेकिन एक बड़ी समस्या यह खड़ी हो रही है कि जमीन जिस भाव में मिल रही है, उससे लगभग दोगुने भाव पर उन्हें 7 फीसदी स्टैम्प शुल्क देना पड़ेगा। अब मिस्टर 'ए' बड़ी असमंजस में हैं कि क्या किया जाए। यह हाल केवल एक मिस्टर 'ए' ही नहीं बल्कि हजारों लोग ऐसे हैं, जिनको जमीन सिटी के कई हिस्सों में सस्ते में मिल रही है, लेकिन डीएम सर्किल रेट अधिक हैं। जमीन की कीमत के साथ ही उन्हें स्टैम्प शुल्क में उनके लाखों रुपए एक्स्ट्रा लग रहे हैं। ज्यादा स्टैम्प देने के अलावा इनकम टैक्स वालों की नजर में भी चढ़ जाएंगे। जबकि जमीन सस्ती खरीदी है, लेकिन इनकम टैक्स सर्किल रेट के हिसाब से ही देखा जाता है। यही सब देख कर कई लोगों ने जमीन खरीद कर अशियाना बनाने का प्लान कैंसिल कर दिया है।

भाव पहुंच जाता है डेढ़ गुना

मार्केट में जमीन खरीदकर सरकारी भाव पर स्टैम्प शुल्क देने में जमीन का भाव डेढ़ गुना तक पहुंच जाता है। स्टैम्प शुल्क के अलावा इनकम टैक्स भी तगड़ा चुकाना पड़ता है। अब यह हालात बदलने के आसार बन गए हैं।

मिलान मार्केट रेट से किया जाएगा

अब इस विसंगति का शासन ने संज्ञान लिया है। इसका समाधान करने के लिए अब जो नई नीति बनाई है, उसके मुताबिक डीएम सर्किल रेट का मिलान मार्केट रेट से जरूर किए जाने के निर्देश हैं। इस बारे में सीनियर एडवोकेट शिवाकांत दीक्षित का कहना है कि शासन का प्रयास अच्छा है, लेकिन उसका इम्प्लीमेंट कैसा होगा यह देखने वाला होगा। सर्किल रेट निर्धारण के लिए स्टैण्डर्ड मानक बनाया जाना चाहिए। यह जरूर देखना चाहिए कि उस क्षेत्र की मूलभूत सुविधाओं की क्या स्थिति है। अगर यह सब देखा जाएगा तो निश्चित रूप से सर्किल रेट कम होंगे और जमीन का भाव भी कम होने लगेगा। साथ ही सर्किल रेट की विसंगति से जो ब्लैक मनी सामने आती है। इस पर भी काफी हद तक रोक लग सकेगी।

20 फीसदी तक रेट रिवाइज

अभी तक सर्किल रेट के लिए जो सर्वे किए जाते रहे हैं, उनमें 20 फीसदी तक रेट रिवाइज करके रिपोर्ट तैयार कर दी जाती थी। सर्वे करने वाले भी और कोई नहीं लेखपाल और कानूनगो ही होते हैं। वे एक अंदाज से ही रेट डिसाइड कर देते हैं। सूत्रों का कहना है कि सर्वे के लिए भौतिक परीक्षण न के बराबर होता है। टेबल पर ही बैठ कर उक्त क्षेत्र के पुराने सर्किल रेट को देखकर 15-20 फीसदी की बढ़ोत्तरी कर दी जाती है। ऐसी स्थिति में जमीन की कीमत बढ़ना तय है। इस बार एडीएम (फाइनेंस) संजय चौहान ने सभी सब रजिस्ट्रार को स्पष्ट कहा है रेट रिवाइज अथवा कम करने के लिए क्षेत्र का भौतिक परीक्षण जरूर होना चाहिए। सर्वे के बाद रेंडम चेकिंग होगी, जिसमें जमीन का मार्केट रेट भी देखा जाएगा। आई नेक्स्ट को लगी खुफिया जानकारी के मुताबिक उन्होंने सर्किल रेट 30 प्रतिशत कम करने का इशारा कर दिया है।

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क्षेत्र - सर्किल रेट - मार्केट कीमत

कोयला नगर - 18500 - 12000

अहिरवां - 18500 - 10000

बिनगवां - 22500 - 16000

रूमा - 16300 - 12000

नौबस्ता पूर्व - 22500 - 16000

पशुपतिनगर - 19000 - 15000

बर्रा गांव - 225000 - 17000

भाभा नगर - 15500 - 12000

वाजिदपुर - 14200 - 12000

नोट- सभी रेट वर्ग मीटर में (अकृषक भूमि)

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अगर जमीनों का सर्किल रेट कम होगा, तो जमीन के दाम कम होने के साथ ब्लैक मनी के ट्रांजेक्शन पर भी काफी हद तक रोक लगेगी। मार्केट के हिसाब से इस बार सर्किल रेट में काफी गिरावट होना तय है। सर्किल रेट 30 से 35 प्रतिशत गिरने के आसार हैं।

-शिवाकांत दीक्षित, सीनियर एडवोकेट