कानपुर (ब्यूरो) चकेरी के अहिरवां में बने ई-बस चार्जिंग स्टेशन पर बुधवार को बस कंडक्टर्स ने अपनी मांगों को लेकर चक्का जाम कर दिया था। सभी हड़ताल पर बैठ गए थे। जिससे एक भी ई बस सडक़ पर नहीं निकली थी। कंडक्टर्स का कहना है कि वसूली करके नई भर्ती की जा रही है और तरह-तरह के आरोप लगाकर पुराने लोगों को निकाला जा रहा है। ड्यूटी के नाम पर भी विभाग में वसूली की जा रही है। बगैर टिकट सवारी मिलने पर 10 गुना जुर्माना वसूला जा रहा है। 15 परिचालकों को बर्खास्त भी किया जा चुका है। इन सभी की बहाली की जाए। वहीं वेतन भी महज 10 हजार रुपए दिया जा रहा है। जबकि भर्ती के समय 15 से 16 हजार का वादा किया गया था।

नहीं खत्म किया धरना
तमाम कोशिश के बाद भी गुरुवार को धरने पर बैठे परिचालकों ने धरना समाप्त नहीं किया। इससे झल्लाए पुलिसकर्मियों ने लाठी चार्ज करके सभी परिचालकों को खदेड़ दिया। एसीपी कैंट ने चेतावनी भी दी कि अब दोबारा बैठे तो एफआईआर दर्ज करके कार्रवाई की जाएगी। घंटों मशक्कत के बाद परिचालक शांत हुए।

20 हजार पैसेंजर परेशान
आपको बतां दें कि आपनी मांगों को लेकर दो दिनों से धरने पर बैठे परिचालकों की सुनने वाला कोई नहीं है। अफसरों और परिचालकों की वार्ता विफल होने के बाद दूसरे दिन भी धरना जारी रहा। इससे करीब शहर के 20 हजार पैसेंजर्स को परेशानी उठानी पड़ी। सबसे ज्यादा दिक्कत महिलाओं को हुई। इसके चलते जिला प्रशासन धरने को खत्म कराने पर लगा था, परिचालक नहीं माने तो उन पर लाठी चार्ज कर दिया गया।

- ई बसों का चक्का जाम करने से शहर के पैसेंजर्स को परेशानी हो रही थी। अफसर उन्हें धरना खत्म करने को लेकर समझा रहे थे। हंगामे के दौरान लाठी पटक कर परिचालकों को समझाया गया है।
-प्रमोद कुमार, डीसीपी ईस्ट

58 ई बसों का संचालन हो रहा है शहर में
10 से ज्यादा रूट पर बसें हो रहीं संचालित
3.5 लाख रुपए की डेली होती है इनकम
20 हजार के करीब पैसेंजर डेली करते सफर
36 घंटे बाद परिचालकों ने हड़ताल ली वापस
5 लाख से ज्यादा का रेवेन्यू लॉस हड़ताल से