कानपुर (ब्यूरो)। नामी कंपनियों के नाम पर मिलावटी देशी घी बेचने पर कोर्ट ने दो लोगों को उम्रकैद की सजा सुनाई है। साथ ही दोनों पर 1.62-1.62 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है। एक अभियुक्त की मुकदमे के ट्रायल के दौरान मौत हो गई थी। अपर जिला जज आठ राम अवतार प्रसाद की कोर्ट ने 15 साल बाद फैसला सुनाया है। एसटीएफ ने दोनों को गिरफ्तार किया था, जिसके बाद इन पर मिलावट से मानव जीवन के स्वास्थ्य पर खतरनाक प्रभाव डालने, फर्जीवाड़ा करने, नामी-गिरामी कंपनियों के फर्जी रैपर छपवाने की धाराएं लगाई गई थीं।


2009 में की थी छापेमारी
एसएसपी एसटीएफ को शिकायत मिली थी कि कानपुर, फतेहपुर, इलाहाबाद (अब प्रयागराज) में नकली पराग और अमूल के टेट्रा और पाली पैक छपवाकर उनमें मिलावटी देशी घी की बिक्री की जा रही है। तीन मार्च 2009 को एसटीएफ की टीम ने गांधी नगर में छापा मारा तो एक व्यक्ति ड्रम में रखा मिलावटी घी अनिक, अमूल, पराग, पारस के पैक में तौलकर भर रहा था। दूसरा पैक कर रहा था, जबकि तीसरा व्यक्ति उन्हें गत्ते में रख रहा था।

ये सामान मिला था
तीनों ने अपने नाम देवनगर रायपुरवा निवासी मनोज कुमार गुप्ता, चकेरी के न्यू आजाद नगर में रहने वाले मूलरूप से फतेहपुर के भरेठा निवासी राजेंद्र प्रसाद मौर्या और हरजेंदर में रहने वाले मूलरूप से कौशांबी के सैनी के डोरसा अटसरई निवासी विनोद कुमार प्रजापति बताए। इनके कब्जे से सैकड़ों ट्रेटा, पाली पैक, मिलावटी घी समेत अन्य सामग्री बरामद की गई थी।

दो को मिली सजा
सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता अरङ्क्षवद डिमरी ने बताया कि 22 जुलाई 2013 को अदालत ने अभियुक्तों पर आरोप तय किए थे। अभियोजन ने आठ गवाहों की गवाही कराई। लैब में जांच के बाद नमूनों के मिलावटी होने के इविडेंस पेश किए। मुकदमे के ट्रायल के दौरान मनोज गुप्ता की मौत हो गई थी। अदालत ने साक्ष्यों के आधार पर बाकी दोनों दोषियों को सजा सुनाई।