वाराणसी (ब्यूरो)हर वर्ष बोर्ड के एग्जाम रिजल्ट आने के बाद अनेक स्टूडेंट कम अंक आने पर गलत कदम उठाते हैंएनसीआरबी के अनुसार वर्ष 2021 में 864 छात्रों ने परीक्षा में विफलता के कारण मौत को गले लगा लियाएआरटी सेंटर बीएचयू के सीनियर कंसल्टेंट डॉमनोज कुमार तिवारी ने बताया कि परीक्षा में कम अंक मिलने पर कुछ विद्यार्थी आत्महत्या का मार्ग चुनते हैं, क्योंकि उन्हें लगता है कि कम अंकों के कारण उनका भविष्य बर्बाद हो गयाहालांकि, उन्हें निराश होने की जरूरत नहीं हैउनकी परीक्षा का परिणाम प्रभावित हुआ है न कि जीवन काकिसी भी एग्जाम का रिजल्ट स्टूडेंट की लाइफ से अधिक इंपार्टेंट नहीं हो सकता

स्टूडेंट्स के लिए सजेशन

- अपेक्षित रिजल्ट न होने पर भी धैर्य बनाए रखें.

- मन पर नकारात्मक विचारों को हावी न होने दें

- अपने परीक्षा परिणाम की दूसरे से तुलना न करें

- रिजल्ट को लेकर प्रतिस्पर्धा न करें, द्वेष की भावना न रखें

- मन में नकारात्मक विचार आने पर परिजनों व टीचर से बात करें.

- परीक्षा के प्राप्तांक को ही जीवन की सफलता का आधार न मानें.

पेरेंट्स के लिए सजेशन

- घर में परीक्षा परिणाम को लेकर नकारात्मक वातावरण न बनाएं.

- कम अंक के लिए बच्चे को ताने न दें, दंडित न करें.

- बच्चे में धैर्य व आत्मविश्वास जगाएं.

- अपने बच्चे की अतार्किक ढंग से दूसरे बच्चों से तुलना न करें.

- बच्चे को समझाएं कि यह रिजल्ट उसके जीवन का परिणाम नहीं है.

- निगेटिव विचार या आत्महत्या के विचार आए तो बच्चे को अकेला न छोड़ें.