आई इम्पैक्ट

-आई नेक्स्ट की खबर का हुआ असर, पुलिस बढ़ाएगी 'अजन्मे बच्चे' के कत्ल की धारा

-कानूनन महिला जज के साथ उनके पेट में पल रहे बच्चे को भी माना जाएगा कत्ल

-आपके आई नेक्स्ट ने ही सबसे पहले बताया था कि पुलिस ने बच्चे के कत्ल की धारा में कोई कार्रवाई नहीं की

KANPUR : महिला जज के कातिल पति ने एक नहीं बल्कि दो कत्ल किए हैं। उसने महिला जज के साथ ही उसके पेट में पल रहे बच्चे का भी कत्ल किया है, लेकिन पुलिस ने उसे सिर्फ एक कत्ल यानि महिला जज के मर्डर में कार्रवाई कर जेल भेजा था। इस पर आई नेक्स्ट ने सवाल उठाया था। जिसे संज्ञान में लेते हुए पुलिस अब सरकारी वकीलों से सलाह लेकर उस पर गर्भ में पल रहे बच्चे के मर्डर की धारा बढ़ाने की तैयारी कर रही है। इसकी पुष्टि खुद एसएसपी ने की है।

धारा 316 के तहत होगी कार्रवाई

महिला जज प्रतिभा गौतम गर्भवती थीं। उनके गर्भ में साढ़े तीन महीने का बच्चा था। पोस्टमार्टम रिपोर्ट से इसकी पुष्टि भी हो गई है। आई नेक्स्ट पहले दिन ही महिला जज के साथ ही उनके गर्भ में पल रहे बच्चे के कत्ल की खबर छापी थी। पुलिस ने चौबीस घंटे में कत्ल का खुलासा करते हुए कातिल पति मनु को गिरफ्तार कर लिया था, लेकिन पुलिस ने उस पर सिर्फ महिला जज के कत्ल की कार्रवाई की थी। इस पर आई नेक्स्ट ने दो कत्ल होने का हवाला देते हुए सवाल उठाया था। आई नेक्स्ट ने इस बारे में सीनियर वकीलों से बात भी की थी, जिसमें उन्होंने कातिल पति पर महिला जज के साथ ही उसके गर्भ में पल रहे बच्चे के भी मर्डर का मुकदमा चलाए जाने के लिए कहा था।

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10 साल की सजा का प्राविधान

सीनियर एडवोकेट कौशल किशोर के मुताबिक गर्भ में पल रहे अजन्मे बच्चे की हत्या में धारा 316 के तहत कार्रवाई होती है। पुलिस अभी तक यह मान रही थी कि छह महीने के अजन्मे बच्चे के मर्डर में यह कार्रवाई होती है, लेकिन जब पुलिस सरकारी वकीलों से सलाह ली तो उन्हें पता चला कि धारा 316 में गर्भ कितने महीने का चाहिए, यह परिभाषित नहीं किया गया है। साथ ही उन्होंने हिन्दू धर्म में मान्यता को बताया कि गर्भ में पल रहे तीन महीने के बच्चे में जान आ जाती है। जिसे संज्ञान में लेते हुए पुलिस अब कातिल पति पर यह धारा बढ़ाने की तैयारी कर रही है। इसमें दस साल की सजा और जुर्माने का प्रावधान है।