कानपुर (ब्यूरो) स्वरूप नगर में रहने वाले विकास अग्रवाल ने बताया कि उनकी दादा नगर में प्लास्टिक लेमनेट की फैक्ट्री है। यहां पर प्लास्टिक के रैपर, बड़ी-बड़ी कंपनियों की पैकिंग सामग्री प्रिंटिंग का काम होता है। मंगलवार नाइट शिफ्ट में फैक्ट्री चल रही थी और करीब 20 मजदूर काम कर रहे थे। इस दौरान फैक्ट्री में शॉर्ट सर्किट से आग लग गई। देखते ही देखते आग ने फैक्ट्री को अपनी चपेट में ले लिया। गोदाम में रखा भारी मात्रा में कच्चा माल पॉलीथीन और प्रिंटिंग में इस्तेमाल होने वाले केमिकल ने आग को भड़का दिया।

2 बजे रात को करीब लगी फैक्ट्री में आग
20 वर्कर्स कर रहे है फैक्ट्री में काम
6 फायर स्टेशन से बुलानी पड़ी दमकल
15 गाडिय़ां आग बुझाने में लगी रहीं
8 घंटे बाद पाया जा सका आग पर काबू
11 करोड़ के नुकसान का आंकलन

करोड़ों की मशीनें बर्बाद
सूचना पर पहुंची फायर ब्रिगेड की 15 से ज्यादा गाडिय़ों ने आठ घंटे में आग पर काबू पाया। आग इतनी भयानक थी कि फैक्ट्री खंडहर में बदल गई और एक-एक सामान जलकर खाक हो गया। करोड़ों की मशीनें बर्बाद हो गई। सीएफओ एमपी सिंह ने बताया कि आग इतनी विकराल थी कि उसे बुझाने के लिए फजलगंज के साथ ही लाटूश रोड, कर्नलगंज, मीरपुर कैंट, जाजमऊ और किदवई नगर फायर स्टेशन से फायर ब्रिगेड को बुलाना पड़ा। करीब आठ घंटे की कड़ी मशक्कत से फैक्ट्री की आग पर काबू पाया जा सका।

आग बुझाने में फोम का इस्तेमाल
एफएसओ विनोद पांडेय ने बताया कि आग इतनी विकाराल थी कि धधक रही प्लास्टिक और केमिकल पर पानी का कोई असर नहीं हो रहा था। पानी के साथ आग बुझाने वाले फोम का इस्तेमाल किया गया। तब जाकर आग पर काबू पाया। आग लगने के दौरान फैक्ट्री में करीब 22 मजदूर काम कर रहे थे, लेकिन आग लगते ही सभी मजदूर किसी तरह जान बचाकर बाहर भाग निकले। मजदूरों के निकलते ही आग ने पूरी फैक्ट्री को अपने चपेट में ले लिया। नहीं तो कई मजदूरों की जान भी खतरे में पड़ जाती।