ये तस्वीरें अपोलो-12, 13 और 17 के लैंड करने के स्थान की हैं। ये दुर्लभ चित्र ल्यूनर रिकोनेसां ऑर्बिटर यानि एलआरओ ने ली हैं जो साल 2009 से चंद्रमा के चक्कर लगा रहा है।

इन बेहद बारीक तस्वीरों से चंद्रमा की सतह की नज़दीकी विवरण का ख़जाना माना जा रहा है। हांलाकि ऐसी तस्वीरें पहले भी खींची गई हैं लेकिन मौजूद चित्र बेहतरीन क्वालिटी के हैं।

भविष्य के मिशन के लिए उपयोगी

अपोलो 17 के ल्यूनर रोविंग वाहन के लैंडिंग स्थल की एक क्लोज़-अप तस्वीर में अंतरिक्ष यात्री यूजीन सर्नेन और हैरीसन स्मिट द्वारा छोड़े गए चिन्हों को विस्तार से देखा जा सकता है। इन्हें ख़ीचने के लिए एलआरओ को चंद्रमा की सतह से 21 किलोमीटर की दूरी तक पहुंचाया गया था।

इस अध्ययन को भविष्य में चंद्रमा पर मानवीय मिशन भेजने के लिए प्रयोग किया जा सकता है। हालांकि फ़िलहाल ये साफ़ नहीं है कि नासा चांद पर मानवीय मिशन भेजेगा। पिछले साल अमरीका ने चांद की यात्रा के लिए बनाए गए मिशन के प्रोजेक्ट को रद्द कर दिया था।

एलआरओ के प्रमुख अन्वेषक मार्क रॉबिनसन कहते हैं, “हम सभी को अपोलो मिशन के लैंडिग स्थल की तस्वीरें देखने में मज़ा आता है। एलआरओ के कैमरे ने सारे चंद्रमा की तस्वीरें उतारी हैं। कुल 1,500 तस्वीरें खींची गई हैं। चांद का अध्ययन करने वाले किसी भी व्यक्ति के लिए ये एक बड़ा संसाधन है। ”

चांद पर क्षरण की प्रक्रिया पृथ्वी जैसे गृहों की तुलना में धीमी होती है, इसी वजह से चालीस साल पुराने चिन्ह भी इन तस्वीरों में साफ़ दिख रहे हैं लेकिन ये धीरे-धीरे ही सही, भविष्य में ग़ायब हो जाएंगे।

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